NSUI ने दी सीएम हाउस घेराव की चेतावनी ..

मध्य प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा विभाग में व्याप्त अनिमितताओं के खिलाफ आवाज उठाना छात्र नेताओं को भारी पड़ता दिख रहा है। राजधानी भोपाल में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बंगले के बाहर धरने पर बैठे छात्र नेता रवि परमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। साथ ही अन्य छात्रों के साथ पुलिस ने मारपीट भी की। परमार की गिरफ्तारी के खिलाफ एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कैंडल जलाकर कानून व्यवस्था को श्रद्धांजलि दी ….

जानकारों के मुताबिक बुधवार दोपहर मध्य प्रदेश एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश संयोजक रवि परमार के नेतृत्व सैकड़ों की संख्या में नर्सिंग और पैरामेडिकल के छात्र छात्राएं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बंगले का घेराव करने पहुंचे थे। इस दौरान मंत्री सारंग के बंगले पर पहुंच कर छात्रों ने जमकर नारेबाजी की साथ ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री से इस्तीफे की मांग भी की।

धरना शुरू होने के थोड़ी ही देर बाद पुलिस प्रशासन ने मौके पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया। पुलिस द्वारा छात्र छात्राओं को खदेड़-खदेड़कर बर्बरतापूर्वक पीटा गया।
हालांकि, इस दौरान एनएसयूआई नेता रवि परमार मेडिका स्टूडेंट्स की मांगों को लेकर अड़े रहे। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने रवि परमार को बलपूर्वक गिरफ्तार कर लिया। रवि परमार के साथ ही शिवा डांगी और नितेश सेन को भी उठा ले गई। रवि परमार को पुलिस ने जेल भेज दिया है।

रवि परमार को जेल भेजे जाने को लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं में आक्रोश देखने को मिला। बुधवार शाम पीसीसी दफ्तर के बाहर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने मोमबत्ती जलाकर कानून व्यवस्था को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान एनएसयूआई के लक्की चौबे ने कहा कि छात्र नेताओं के साथ तानशाही रवैया बर्दास्त के बाहर है। प्रशासन रवि परमार को जल्द छोड़े वरना हम पूरे प्रदेश में कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। प्रदेशभर में चरणबद्ध आंदोलन शुरू होगा और राजधानी भोपाल में हजारों एनएसयूआई कार्यकर्ता सीएम हाउस का घेराव करेंगे।

गिरफ्तारी से पहले रवि परमार ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय और मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल में भ्रष्टाचार चरम सीमा पार कर चुका हैं। नतीजतन लाखों छात्र छात्राओं का भविष्य बर्बाद हो रहा। पिछले 3 सालों से नर्सिंग और पैरामेडिकल के लाखों छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं नहीं हो पाई है। छात्र छात्राएं अपने भविष्य को लेकर अत्यधिक परेशान और चिंतित हैं। अगर विश्वविद्यालय परीक्षा नहीं करवा सकता तो छात्र छात्राओं को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर जनरल प्रमोशन देने ही उचित होगा जिसके छात्र छात्राओं का समय बर्बाद होने से बचेगा।

परमार ने मंत्री विश्वास सारंग पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अपने विभाग को नहीं संभाल पा रहे हैं। उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि मेडिकल विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा मंत्री की मिलीभगत से लगातार कागजों में संचालित फर्जी नर्सिंग और मेडिकल कालेजों को लाखों करोड़ों रुपयों की उगाही कर मान्यता दी जा रही हैं। यह फर्जी मान्यता बांटने का खेल बड़े स्तर पर चल रहा है और इसमें सारंग की शत प्रतिशत संलीप्ततात है। भ्रष्ट मंत्री सारंग के कारण मध्यप्रदेश की चिकित्सा शिक्षा की स्थिति लचर होती जा रही हैं।

ज्ञात हो  कि इसके पहले छात्र नेता रवि परमार ने 21 दिसंबर 2022 को सैकड़ों नर्सिंग छात्र छात्राओं के साथ फर्जी नर्सिंग कॉलेजों पर कार्यवाही करने की मांग को लेकर मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल भोपाल में प्रदर्शन किया था। उसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर 6 माह के लिए भोपाल में प्रतिबंधित करते हुए 10 हजार रूपए का बंधपत्र भी हस्ताक्षर करवाया था। रवि परमार ने उसे शिवराज सरकार की नर्सिंग माफियाओं को बचाने की विफल कार्यवाही बताते हुए कहा था कि हम किसी भी कीमत पर छात्र छात्राओं की आवाज कुचलने नहीं देंगे।