हनुमान की रामभक्ति गीता के कर्मयोग की मिसाल है..

विश्वगीता प्रतिष्ठान उज्जयिनी की छिंदवाड़ा शाखा द्वारा हनुमान जयंती पर हनुमान, गीता और महाभारत के अंतःसंबंधों पर आयोजित व्याख्यान में प्रो. अमर सिंह ने कहा कि हनुमान की रामभक्ति गीता के कर्मयोग की मिसाल है। हनुमानजी पूर्ण समर्पण, पवित्रता और परिश्रम से अर्जित पराक्रम के प्रतीक हैं। वे खराब बुद्धि और नकारात्मकता का नाश कर बल और बुद्धि के एक साथ प्रयोग से तेज और प्रतापी बनने के अनुकरणीय उदाहरण हैं….

ज्ञान व गुण से किसी के भी मन में स्थान बना लेने की सीख देते हैं। वे शांत से सेवा में समर्पित होकर अपने रौद्र रूप से विसंगतियों का समूल नाश करने के द्योतक हैं। रिश्ते सिर्फ अपनों में ही नहीं होते हैं, राम ने हनुमान को भरत जैसा भाई कहकर खून के रिश्तों से इतर रिश्तों की गहराई को समझाया है।

राम स्वयं हनुमान जैसे भक्त के भक्त बन जाते हैं। हनुमान अप्रतिम साहस के प्रतिनिधि हैं , दुर्लभ काम करने की दृढ़ता उनका स्वभाव है और अपकारी को सबक सिखाना उनका जुनून। वे अपनी अगाध श्रद्धा के बलबूते भय को पालने की जहमत नहीं उठाते हैं। व्यक्ति को अगर ईश्वर में आस्था है तो फिर किसी और से भयभीत होने की वजह होती ही नहीं है। नवनीत व्यास ने कहा कि सामर्थ्य एक चित्र भाव से भजने का प्रतिफल होती है।

हनुमान अप्रतिम शान्त स्वभाव के हैं, सेवा समर्पण की ऊर्जा से भरपूर हैं, कोई उन्हें सिर्फ सीधा और कमजोर समझकर उन्हें छेड़कर उनके रौद्र रूप को न जगाए। वे बने ही हैं विसंगतियों के विनाश की खातिर। किसी भी काम को करने का अगर सद्भाव हो तो दुरूह से दुरूह कार्य को सहज किया जा सकता है। केंद्रीय सप्तोत्सव प्रमुख नेमीचंद व्योम ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में मन के भाव, वचनबद्धता और कर्म का साथ न छूटे तो सफलता अवश्य मिलती है। फिर सच्चे मन से की गई प्रार्थना की ताकत का तो अंदाज नहीं लगाया जा सकता है। व्यक्ति अपने मालिक से जुड़कर कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए, उसे अहम नहीं पालना चाहिए, उसे अपनी जड़ों से कभी नहीं कटना चाहिए, यह हनुमान की चारित्रिक खूबी है। सिद्धि निधि की सामर्थ्य दुर्बलों की सेवा के लिए होती है, उसका दुरुपयोग बहुत विनाशकारी साबित होता है। कमलेश

साहू ने कहा कि त्याग वह रसायन है जो अमोघ औषधि सम काम करता है, निष्काम सेवा दुखों से मुक्ति का कारगर उपाय है और यही लौकिक और पारलौकिक तुष्टि का आधार है। हनुमान ये सब करके सिखलाते हैं।