पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार को लताडा ..

इन दिनों प्रदेश सरकार की माली हालत बेहद नाजुक है ! सरकारी कर्मचारियों के वेतन के लाले पडे है ,मध्य प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग में बजट की कमी के चलते आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को तीन माह से वेतन नहीं मिला है।बीते दो माह से सुपरवाइजर और सीडीपीओ को भी मानदेय नहीं मिल पा रहा है….

इसका कारण विभाग में बजट की कमी बताई जा रही है।  विभाग के जिस मद में पैसा रखा है, उसको वेतन में देने के लिए वित्त विभाग ने कैबिनेट से मंजूरी के लिए लिखा है। यही वजह है कि विभाग के प्रदेशभर की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं, सुपरवाइजर और सीडीपीओ का वेतन अटक गया है। इस मामले में विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि वेतन देने की कार्रवाई चल रही है। सभी को जल्द ही भुगतान हो जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार लताड़ा ..
ज्ञात हो कि प्रदेश के 35 जिलों में कार्यरत 60000 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को पिछले 3 महीने से मानदेय नहीं मिला है। एक तरफ केंद्र सरकार बजट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए बड़ी-बड़ी बातें कर रही है तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में उन्हें उनके बुनियादी अधिकार से भी वंचित कर रही है।

इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमंते तत्र देवता। अर्थात, जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता है। यह हमारी भारतीय संस्कृति का शाश्वत उदघोष है। लेकिन मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने कसम खा रखी है कि महिलाओं का किसी रूप में सम्मान तो क्या सामान्य जीवन भी व्यतीत न हो सके।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है की  मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रति इस तरह का उपेक्षापूर्ण और सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है? जब मुख्यमंत्री बार-बार कहते हैं कि प्रदेश में बजट की कमी नहीं है तो फिर मानदेय न देने की और क्या वजह है ? उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को तत्काल वेतन का भुगतान किया जाए। हमारा यह कर्तव्य है की हम प्रदेश की जनता के दुःख दर्द की आबाज बुलंद करते रहेंगे …