करवा चौथ : आस्था और विश्वास का पर्व..

आज करवा चौथ का पर्व पूरे भारत में सम्पूर्ण आस्था विश्वास और परम्परागत रूप से मनाया जा रहा है ! सुहागन और नव विवाह्ता  महिलाओं ने कल रात्रि से ही अपने पति की लम्बी उम्र और घर में सम्पन्नता के लिए निर्जला वर्त रखा है ! और वे आज रात्रि में चाँद के दीदार के साथ ही पति का चेहरा छलनी में निहारने के बाद ही पति के हाथों अपना  निर्जला व्रत खोलेंगी !  आज की तैयारियों के लिए बाजार सजे हुए है रेडीमेट , सराफा , इलेक्ट्रानिकस के साथ-साथ करवा चौथ व्रत के लिए पुजा पाठ की सामग्री और मिठाइयों की दुकानों में अप्रत्यासित भीड़ आसानी से देखी जा रही है ! ठीक इसी तरह आज महिलाये आज सोलह श्रंगार कर पूजन पाठ करती है तो महिला ब्यूटी पार्लरों और मेहँदी काढने बालो की भी काफी पूछ परख बढ़ गई है ! करवा चौथ चतुर्थी तिथि 12 अक्टूबर बुधवार आधी रात से ही लग रही है और रात्रि 2.03 मिनट से शुरू होकर यह शुभ मुहुर्त 13 अक्टूबर गुरुवार रात 2.58 मिनट तक चलेगा. जाहिर है इस दौरान किया गया काम ही विशेष फलदायी होगा. इस दौरान ही व्रत का विधि विधान है. इससे इतर व्रत करना दोषपूर्ण माना जाएगा. करवा चौथ पर सुहागिनें निर्जला व्रत रखें, भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करें. शाम में चांद का दीदार कर पारण करें और व्रत को खोलें. इस बार करवाचौथ के दिन बहुत ही अद्भुत और शुभ संयोग बन रहा है। करवा चौथ पर जहां एक तरफ चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृष में रहेंगे, वहीं इस बार शाम चंद्रमा की पूजा के समय रोहिणी नक्षत्र होगा, इस नक्षत्र को ज्योतिष सुहागिन महिलाओं के लिए खास बता रहे हैं।  इसी दिन सिद्धि योग भी बन रहा है, यह पूजा के लिए अत्यंत शुभ योग बना है। करवा चौथ की कथा और पूजा का समय शाम 6 बजकर 01 मिनट से 07 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।