कामठी जलाशय को पुनः स्वीकृति प्रदान करने और पांढुर्णा को जिला बनाने जनमत संग्रह हस्ताक्षर अभियान 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शिष्या के हस्ते शुभारंभ किया गया था , तब से लेकर अब तक निरंतर हस्ताक्षर अभियान शहर के धार्मिक स्थलों और चौराहों ,वार्डो में हस्ताक्षर अभियान जनमत संग्रह हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है।यह अभियान पांढुर्ना राष्ट्रीय सेवा संस्कार हम फाउंडेशन भारत विवेकनन्द द्वारा शहर वर्षों पुरानी पेयजल समस्या निराकरण के लिए जारी है ! इस अभियान में कुल 25 हजार हस्ताक्षर का लक्ष रखा गया था। अबतक कुल 24 हजार शहर के लोगो के पूर्ण सत्यता के साथ मोबाईल नंबर सहित शहर के जनमानस के हस्ताक्षर पूर्ण कर चुके है ….
शहर में 2 माह से निरंतर शहर के विभिन्न चौराहों पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक स्टाल लगाकर अभियान चलाया जा रहा है। इसी श्रंखला में शहर कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के सामने स्थित आखरे कम्प्लेक्स स्थल पर स्टाल लगाकर हम फाउंडेशन भारत विवेकनन्द द्वारा शहर के लोगो का इन दो ज्वलंत मुदों पर लोगो का जनमत संग्रह हस्ताक्षत अभियान के बुकलेट पर हस्ताक्ष किये जा रहे है।इस अभियान के पूर्ण होने के उपरांत जल्द ही हम फाउंडेशन भारत के राष्ट्रीय पदाधिकारियो के साथ शहर का हम फाउंडेशन भारत का प्रतिनिधि मंडल प्रदेश के मुख्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ सौजन्य भेंट कर शहर के ज्वलंत दो मुदों पर गहन चर्चा कर शहर की पेयजल समस्या के पूर्ण प्रकिया के बाद में 2018 में निरस्त हुवे कामठी जलाशय के निर्माण प्रक्रिया को पुनःस्वीकूत करने और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 2008 में पांढुर्ना को जिला बनाने की घोषणा को लेकर निवेदन करेगे। इस पूर्ण प्रक्रिया के उपरांत शहर के जनमानस की भावना से जुड़ी जनमत संग्रह हस्ताक्षर अभियान की बुकलेट सोपेंगे। तथा यह शहर की वर्षो पुरानी मांग को पूर्ण करने पुरजोर मांग करेगे।
वर्चुअल जनसंवाद के लिये मुख्यमंत्री से करेगे आग्रह :- हम फाउंडेशन भारत विवेकनन्द के अध्यक्ष गुड़डू कावले ने बताया शहर में 4 दिन के अंतराल पर शहरवासियो को पेयजल उपलब्ध होता है। यह दूषित पेयजल से कई पेट की बीमारी से लोग ग्रसित है जनमानस के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड हो रहा है। हमने 25 हजार शहरवासियो के हस्ताक्षर सहित मोबाईल नंबर एकत्रित किये है। लोगो की भावना से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अवगत कराएंगे और पांढुर्ना की जवलंत समस्या से रूबरू करने आपके द्वारा की गई घोषणा को जल्द पूरा करने पांढुर्ना की जनता से वर्चुअल जनसंवाद करने का आग्रह करेगे।
कामठी जलाशय के लिए जिम्मेदार कौन :- पहली बार में ही देखा जाए तो पांढुर्ना की जनता के साथ बर्षों से छल हुआ है। और इसके लिए दोनो ही राजनीतिक दल जिम्मेदार है। शहर वासियों की पेयजल समस्या वर्षो पुरानी है। दोनों राजनीतिक दलों ने वोटों की राजनीतिक लड़ाई के लिये शहर में जलाशय जैसे मुद्दे को पकड़ कर पांढुर्ना की जनता के साथ खुलेआम छल किया है। पहले दो प्रपोजल 2008 में परसोडी जलाशय से कहानी कामठी जलाशय तक पहुंची और 2018 तक प्रशासनिक, वितीय,तकनीकी स्वीकूति के बाद रायपुर की चंद्रनील कंस्ट्रक्शन कंपनी को टेंडर भी दिया गया ! अवार्ड पारित करने की संपूर्ण प्रक्रिया धारा 8 से 11 धारा 19 , 20, 21का भी प्रकाशन किया गया ,परन्तु यह सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत नगर पालिका परिषद में 20 करोड़ रुपये की राशी भी जमा की। इनसब परस्थिति में कामठी जलाशय का निर्माण नही होना अपने आप मे एक अनबुझ पहेली बन गई है। क्षेत्र के दोनों ही राजनीतिक दलों के नेता आखिर कब तक मौन रहेंगे ? सचिन गुड्डू कावले की रपट