जब तक दोनों जेल नहीं जाएं, मेरी अर्थी नहीं उठाएं ..

आत्म स्वभिमान और सामाजिक अवहेलना से भयभीत व्यक्ति जब विषाद से भर जाता है तो वह ऐसा कदम उठने को मजबूर हो जाता है !  युवक ने पत्नी की बेवफाई से दुखी होकर मौत को गले लगा लिया। मरने के पहले उसने सोशल मीडिया पर दोस्तों से लाइव बात की और अपना दर्द बयां किया। फंदे पर लटकने के पहले उसने कहा – मेरी मौत के बाद मेरी अर्थी काे कंधा तभी देना जब पत्नी और उसका प्रेमी जेल चला जाए। वो जेल नहीं गए और मुझे जलाया तो मैं उसके बाद भी उसे सताऊंगा। वो मुझे बर्बाद करके अपने प्रेमी के साथ बहुत खुश है ना।

घटना बीते दो दिनों पहले की बताई जा रही है, जिसका वीडियो अब सामने आया है। बैतूल के कोयलांचल क्षेत्र पाथाखेड़ा के कालीमाई में रहने वाले 32 साल के दीपक दास ने दोस्तों से कहा – मेरी पत्नी ने बेवफाई की है। मैं अब नहीं जी सकता। मेरे परिवार का ख्याल रखना। युवक ने मौत के लिए बीवी और उसके प्रेमी को जिम्मेदार ठहराते हुए, उन पर कार्रवाई की मांग की है। इसके बाद युवक जंगल गया और पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मामले को जांच में लिया है।

युवक की पत्नी करीब 20 दिन पहले उसे छोड़कर दूसरे लड़के के साथ चली गई। उसके दो बच्चे हैं। रविवार काे उसने दीपक को कॉल कर कहा कि वह अपने प्रेमी के साथ खुश है। इसका दीपक को बहुत सदमा पहुंचा। जिसके कारण वह डिप्रेशन में था। डिप्रेशन में आकर उसने फांसी लगाकर आत्महत्या की है।

मृतक दीपक दास के दोस्त जगदीश सूर्यवंशी ने बताया दीपक फांसी लगाने से पहले सोशल मीडिया पर लाइव आया था। उसने वीडियाे काॅल में कहा – मेरी पत्नी ने मुझे धाेखा दिया, उसने किसी और से शादी कर ली। पहले उसने कहा- मैंने मंदिर में शादी की है। बाद में कहा – काेर्ट मैरिज की है। शादी करने के बाद मेरी उससे बात हुई।

मैं चाहता हूं वह खुश रहे। लेकिन उसने मुझे जो इतना बड़ा धोखा दिया है, उसे बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा। इसलिए मैं जान देने जा रहा हूं। मेरी मौत का जिम्मेदार मेरी पत्नी और उसका आशिक है। उसने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी, इसलिए अब जीना नहीं चाहता हूं। मेरी मरने के बाद आप सब इतनी मदद कर देना कि मेरे बच्चों का ख्याल रखना। मुझे मरने का कोई शौक नहीं है, लेकिन फिर भी अब मैं जीना नहीं चाहता।

मेरी मौत के बाद मेरी पत्नी को जेल हो, वह कभी नहीं छूटे। उन्होंने मेरी जिंदगी तो तबाह की ही, मेरे दो छोटे बच्चों को भी जीते-जी मार डाला। मेरे मरने के बाद उन्हें जेल नहीं हुई तो मेरी आत्मा काे शांति नहीं मिलेगी। मेरी बहनों से यही रिक्वेस्ट है कि जब तक दोनों जेल नहीं जाएं, मेरी अर्थी नहीं उठाएं। यदि मुझे उन्हें सजा देने के पहले जला दिया तो मैं उन्हें मरने के बाद भी सताऊंगा। वो दोनों उज्जैन में हैं… वो मेरी जिंदगी तबाह करके बहुत खुश है। दोस्तों मुझे इंसाफ दिलवाना।

आत्महत्या करने वाला दीपक 32 साल का है। वह कोयले का ट्रक चलाता था। 7 साल पहले उसकी शिवानी से शादी हुई थी। उसके तीन बच्चे थे, इनमें से एक साल के बेटे की कुछ समय पहले ही मौत हो गई थी। अब 5 साल की बेटी और 3 साल का बेटा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पत्नी करीब 4 सप्ताह पहले ट्रक क्लीनर के साथ कहीं चली गई थी। इसी बात पर दीपक ने सारणी थाने पर उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। इसी बीच रविवार को दीपक की 60 साल की मां मनोरमा ने उसकी आत्महत्या की जानकारी पुलिस को दी।

जानकारों के मुताबिक रविवार को उसने बच्चों से प्यार किया, घर में पानी भी भरा। इसके बाद वह रस्सी उठाकर नर्सरी की तरफ चला गया। जहां सोशल मीडिया पर दोस्तों के साथ लाइव पर बात की और फिर पेड़ से फांसी लगा ली। एसडीओपी महेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि फिलहाल पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।       साभार चिरंतन न्यूज़