हृदयरोगों के मामले में भारत दुनिया में पहले पायदान पर….

सौ में से तीस मरीज ४० साल से उम्र के नीचे , समय रहते पहचानों हृदयरोग का खतरा : डॉ. पंकज हरकुट
पिछले दशक में जब हृदयरोगों की जाँच करते थे, तब शायद ही कोई हृदयरोगी चालीस साल से नीचे उम्र का होता था| लेकिन आज की बदलती जीवनशैली, अनियंत्रित मधुमेह और उच्च रक्तचाप साथ ही अधिक समय बैठकर कार्य करने के कारण हृदयरोगियों की संख्या लगातार बड़ी तेजी से पैर पसार रही है | मौजूदा दौर में स्थिति इतनी भयावह हो रही है की हर सौ मरीजो में से तीस मरीज चालीस साल उम्र से नीचे के आ रहे है | इस जोखिम को समय रहते पहचानने की आवश्कता है तभी हम सुरक्षित रह पाएंगे ! उक्ताशय के वक्तव्य पडोसी राज्य नागपुर से पधारे “स्वास्थ्यम” सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर हृदयरोग विशेषज्ञ  डॉ. पंकज हरकुट ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहे , इस अबसर पर उनके साथ वैस्कुलर सर्जन डॉ. रोहितकुमार गुप्ता व् इंटेसिविस्ट डॉ. सोहल पराते प्रमुखता से उपस्थित थे|

डॉ. पंकज हरकुट ने बताया कि हृदयरोग प्राकृतिक मृत्यु के बाद मृत्यु का सबसे बडा कारण हैं| एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक हर 33 सेकंड में भारत में दिल का दौरा पडने से एक व्यक्ति की असमय मौत हो रही है  हैं| इसके अलावा, भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या सबसे अधिक है और यह मानता है कि प्रत्येक मधुमेह रोगी को हृदय रोग होता है| कुल मिलाकर विश्व परिपेक्ष में हृदय रोगियों की संख्या सबसे अधिक भारत में है| उन्होंने आगे कहा की, भारतीयों को स्वाभाविक रूप से दिल का दौरा पड़ने का खतरा होता है , क्योंकि उनकी रक्त वाहिकाओं का आकार पश्चिमी लोगों की तुलना में छोटी होता है| साथ ही बढ़ती आबादी और इसके परिणामस्वरूप प्रतिस्पर्धा, तनाव, पल-पल बदलती जीवनशैली और प्रदूषण भी हृदयरोगियों की संख्या बदने में साहयक सिद्ध हो रहा है ! अगर  हम हृदय विकारों के इस जोखिम को जानते हैं, तो निश्चित रूप से अभी से हृदय रोग से बचाव का प्रयास करना चाहिए| जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है या हृदय रोग की आनुवंशिक प्रवृत्ति होती है, रोकथाम योग्य उपायों पर काम किया जाना समय की मांग है !
उच्च रक्तचाप और मधुमेह, धूम्रपान और गतिहीन जीवन शैली, मोटापा और उच्च कोलेस्ट्रॉल यह परिहार्य कारण होने के बावजूद उचित खान-पान, सही दिनचर्चा और नियमित व्यायाम से जोखिम को कम किया जा सकता हैं !मधुमेह और उच्च रक्तचाप को भी नजरअंदाज बिलकुल न करे ! संतुलित भोजन और व्यायाम इसे रोकने में मदद कर सकते हैं| रोजाना 15 मिनट की एसरसाइज से हार्ट अटैक का खतरा 14 फीसदी तक कम हो जाता है, इसलिए रोज एक्सरसाईज करने की सलाह उन्होंने इस मौके पर दी ! नई पीढी का धूम्रपान और अब कुर्सियों पर ’बैठना स्वास्थ्य के लिए हानीकारक है’