लॉक डाउन हटाने के समर्थन में नही शिवराज ..

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा  कि वह भी 14 अप्रैल को लॉक डाउन हटाने का समर्थन नहीं करते हैं ! यह सच है कि अर्थव्यवस्था पर इसका असर होगा पर लोगों की जिंदगियां ज्यादा जरूरी है दरअसल देश में जारी लॉक डाउन की वजह से विभिन्न समूहों सामाजिक आय, आयु ,शिक्षा, धर्म और जेंडर के 62.5% लोगों ने कहा कि उनके पास राशन ,दवा जैसी जरूरी चीजों के लिए अब मात्र ३सप्ताह तक खर्च का पैसा बचा है !

न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक कोरोना ट्रैकर्स इंडेक्स ऑफ पैनिक सर्वे में इसका खुलासा हुआ है ! सर्वे में कुल 37.5 फ़ीसदी लोगों ने कहा है कि वे 3 सप्ताह से अधिक समय के लिए आवश्यक चीजों के लिए तैयार नही हैं ! यह आंकड़ा इसलिए महत्वपूर्ण है कि क्योंकि देश कोरोना महामारी से लड़ने के लिए लगे 21 दिवसीय लॉक डाउन के अंत के करीब आ चुका है और राज्य सरकारों के बीच 2 और हफ्ते के लिए लाग डाउन का विस्तार करने के लिए एक आम सहमति बन रही है ! सर्वे के अनुसार कम आय और शिक्षा समूह वाले लोगों की स्थिति ज्यादा खराब है ! यहां 70 : 30 के अनुपात में अधिकार लोगों के पास 3 सप्ताह से अधिक समय तक राशन दवा आदि के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं है !

इस बीच लॉक डाउन में ग्राहकों को ईएमआई के ब्याज पर छूट देने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है !सामाजिक कार्यकर्ता और वकील अमित साहनी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और ईएमआई पर अतिरिक्त ब्याज वसूलने की मांग की है याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला देता है तो यह ग्राहकों के लिए बड़ी राहत होगी!लॉक डाउन के मध्य नजर आरबीआई ने पिछले महीने सभी तरह की मोहलत देने की घोषणा की थी , ताकि लोगों को समस्या ना हो ! लेकिन नियम के मुताबिक मोरटोरियम सुविधा का लाभ लेने पर ग्राहकों को अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करना पड़ता है , इसी के बचाव के लिए कोर्ट में याचिका दायर की गई है !