बजट पर सुझाव मांगेंगे ​​सीएम, कांग्रेस : संविधान के खिलाफ काम कर रहे शिवराज

 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश होने वाला है. 2022-23 के बजट के लिए प्रदेश में हलचल तेज हो गई है. शिवराज सरकार बजट को इंटरएक्टिव बनाना चाहती है, जिसके लिए पहली बार विधायक दल की बैठक बुलाई है. 1 फरवरी को सीएम निवास पर आयोजित गोने वाली बैठक में भाजपा विधायक बजट के सुझाव देंगे. माना जा रहा है कि सरकार ने बजट से पहले जन प्रतिनिधियों से कहा है कि वे जनता से मिले फीडबैक के आधार पर बजट पर लिखित में अपनी राय दें.

2023 के चुनावी मोड में बीजेपी :-  2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए शिवराज सरकार चुनावी मोड में आ गई है. विधायक दल की बैठक बुलाने की अहम वजह उनके सुझाव लेने को मानी जा रही है. सरकार चाहती है कि भविष्य में विधायकों में कोई नाराजगी न हो, क्योंकि उनकी नाराजगी पार्टी के लिए सिर दर्द बन सकती है. वहीं दूसरी तरफ विधायकों का कहना है की नौकरशाही उनकी सुनती नहीं है, जिसके चलते उन्हें जनता की नाराजगी का भी सामना करना पड़ता है

विधायकों को 15 से 20 करोड़ के डीपीआर बनाने के निर्देश :- सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 की तैयारी तेज कर दी हैं. बैठक में विधायकों से उनके क्षेत्रों की विकास कार्यों पर मिलने वाले बजट पर चर्चा की जाएगी साथ ही क्षेत्रों में क्या-क्या काम हुए उसकी भी बात होगी. इसके लिए विधायकों से क्षेत्र की जानकारी और प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा गया है. विधायकों को 15 से 20 करोड़ तक के बजट का पांच अलग-अलग डीपीआर बनाने को कहा है.

कांग्रेस ने उठाई आपत्ति :- विधायकों की बैठक के साथ ही प्रदेश की सियासत गर्मा गई है. कांग्रेस ने इस पर आपत्ति उठाई है. पूर्व मंत्री गोविंद सिंह का कहना है शिवराज सिंह चौहान शपथ को तोड़ रहे हैं, वह संविधान के खिलाफ जाकर काम कर रहे हैं. बैठक में कांग्रेस विधायकों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए, उनकी राय भी ली जाना चाहिए. वहीं बीजेपी विधायकों का कहना है मुख्यमंत्री ने कभी भी कांग्रेस या अन्य विधायकों को सुझाव के लिए नहीं रोका है. यदि वे चाहें तो अपने सुझाव दे सकते हैं उनके सुझाव भी बजट में योगदान देंगे. लेकिन कांग्रेस नहीं चाहती की वे जनता के हित के लिए अपने सुझाव दें।

सबको साथ लेकर चलते हैं ​सीएम: मिश्रा

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सबको साथ लेकर कोई भी काम शुरू करते हैं. सीएम ने पहले लिखित में सुझाव मांगे और अब वह सामने होकर बैठक में सुझाव मांगेंगे. वहीं सीएम शिवराज ने कहा है कि बजट केवल आय-व्यय का ब्योरा नहीं है, जन जन की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम है।