बंद होनी चाहिए जनसुनवाई की नौटंकी..! जनसुनवाई के दौरान किसान ने खाया जहर ..

बंद होनी चाहिए जनसुनवाई की नौटंकी , जनसुनवाई के दौरान किसान ने खाया जहर , छिंदवाडा sdm कोर्ट में भी सुनाई पड रही है इसी तरह के मामले ..तो क्या अगला खेल मैदान छिंदवाडा sdm न्यायालय परिसर तो नही  ..? वक्त रहते यह कलंक कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन व्यवस्था में सुधार लाकर धो पाएंगे ?  प्रशासन की सुलभ न्याय दिलाने के लिए हर मंगलवार को जनसुनवाई का आयोजन किया जाता है जिसमें जिले भर से बड़ी संख्या में लोग विभाग प्रमुखों के समक्ष अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए उपस्थित होते हैं!

प्रदेश के अन्य जिलों की तरह छिंदवाड़ा जिले में भी जनसुनवाई का आयोजन प्रत्येक मंगलवार को होता है ! पर पीड़ितों को न्याय  मिलता है ? इसकी पोल सबके सामने आ गई जब लगातार वर्षों से जनसुनवाई अपनी व्यथा बताने के बाद भी प्रशासनिक अमले से न्याय की नाउम्मीदी ही आज जिले के मोहखेड़ विकासखंड निवासी नरेश पवार को मौत के मुंह में घसीट कर ले गई !

यहां हर समस्याओं का निराकरण होने का दावा करने वाले जिला प्रशासन के मुंह पर खुलेआम तमाचा उस समय लगा जब जन सुनवाई के दौरान किसान ने  जमीन बचाने की गुहार बीते 4 वर्षों से लगातार लगाता रहा है ,बावजूद उसके किसी प्रकार की सुनवाई और ना निराकरण होने से निराश आज कलेक्ट्रेट परिसर में किसान ने जहर का सेवनकर मौत को गले लगाने का कुत्सित प्रयास किया !  मौत का तरल गले में गटक , जेब में अपने खेत की मिटटी , पीड़ित किस मनोदिशा से गुजर रहा होगा ? इसका अंदाजा इसी से ही लगाया जा सकता है !

पीड़ित किसान नरेश पवार ने पत्रकारों को अपनी आप बीती बताई कि वह विगत 4 वर्षों से लगातार जनसुनवाई में पहुंचता है परंतु उसकी समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है ! किसान का कहना है कि उसके पैतृक जमीन जिस पर उसका बरसों से कब्जा है उक्त जमींन पटवारी और राजस्व निरीक्षक (आर आई ) दुसरे से पैसे लेकर व प्रशासनिक सांठगांठ कर उसकी जमीन किसी दूसरे व्यक्ति के नाम करने का काम कर रहे है !  इससे व्यथित वह लगातार वर्षों से प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होकर न्याय की गुहार लगा रहा है ? परंतु आज उस समय अति हो गई जब उसे लगा कि अब उसके साथ न्याय नहीं होने वाला ? इसी मनोवेदना से गुजरते हुए उसने कलेक्ट्रेट परिसर में ही कीटनाशक दवा का सेवन कर अपनी जीवन लीला समाप्त करने की पुरजोर कोशिश की  !

किसान ने व्यथित होते हुए पूरा विवरण प्रेस प्रतिनिधियों के सामने अपनी व्यथा सामने रखी और बताया कि उसने कीटनाशक शहर का सेवन कर लिया है ! सूचना लगते ही कलेक्ट्रेट परिसर में मानो भगदड़ सी मच गई ! तत्काल प्रभाव से थाना कोतवाली टीआई जगैत और तहसीलदार उपस्थित हुए और उन्होंने सबसे पहले जहर खुरानी करने वाले किसान कोअपने कब्जे में लेकर जिला चिकित्सालय में  उसका इलाज प्रारम्भ कराया ! चिकित्सा कर रहे चिकित्सक ने बताया जाता है कि किसान की हालत खतरे से बाहर है !

अब देखना यह होगा कि इस बड़ी घटना के बावजूद भी जिलाधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं ?  उनके परिसर में इस तरह की घटना का होना प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह अंकित जरूर करता है ? इस घटना से सबक लेकर प्रशासनिक अमले में कोई सुधार की उम्मीद की जा सकती है या फिर वर्षों से चल रहे भ्रष्टाचार के कारनामों को अंजाम इसी तरह दिए जाते रहेंगे ? ऐसे अनेक अनुत्तरित सवाल कलेक्ट्रेट परिसर के प्रशासनिक अधिकारियों के चरित्र और कार्यप्रणाली पर लगते रहे हैं और लग रहे हैं परंतु वक्त रहते यह कलंक कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन व्यवस्था में सुधार लाकर धो पाएंगे ?  या इसी तरह ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होती रहेगी ? हमारी तो नजरे कलेक्ट्रेट परिसर पर ही टिकी हुई है ……  राकेश प्रजापति