फिर 2000 करोड़ का लोन लेने की तैयारी में सरकार ..

प्रदेश की शिवराज सरकार बीते 17 सालों से सिर्फ कर्ज पर कर्ज लेकर ही प्रदेश सरकार चला रहे है ! जनता के बीच वादे तो बड़े-बड़े किये जाते है की सरकार का काम-काज बेहतर तरीके से चाल रहा है परन्तु अन्दर खाने से जो सच्चाई बाहर निकल कर आ रही है वह बहुत ही भयावह है प्रदेश की जनता लगातार कर्जदार होती जा रही है ! राजनैतिक पार्टियाँ सिर्फ जनता को गुमराह और आपने वोट बैंक के खातिर अपनी बाद्शाहत बरकरार रखने के खातिर ये सब खेल खेल रही है ! आज इलेक्ट्रानिक मीडिया के इस युग में सच्चाई छुपाना टेडी खीर है ..

प्रदेश में विकास कार्यों को गति देने के नाम पर सरकार फिर से कर्ज लेने की तैयारी में है ! लगातार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान  विभिन्न विभागों के साथ बैठक कर रहे हैं। विकास परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के दिशा निर्देश अधिकारियों को दिए जा रहे हैं। इसी बीच एक बार फिर से सरकार 2000 करोड रुपए का ऋण लेने की योजना बना रही है।

जानकारों के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से 20 साल के लिए लिया जाएगा। इससे पहले 2020-21 तक के लिए सरकार द्वारा 18000 करोड रुपए तक का ऋण लिया जा चुका है। आंकड़ों की माने तो मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मार्च 2021 में 4473 करोड़ रुपए का लोन लिया गया था। इसके बाद प्रदेश सरकार द्वारा 2000 करोड़ रुपए के लोन प्रदेश सरकार द्वारा लिए जाएंगे। 2 मार्च को लोन मध्य प्रदेश सरकार को उपलब्ध होगी।

जानकारों के मुताबिक़ प्रदेश पर अब तक पौने तीन लाख करोड़ रुपए का ऋण है। वही कांग्रेस के जीतू पटवारी द्वारा सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की गई है। जीतू पटवारी का कहना है कि प्रदेश की सरकार आर्थिक स्थिति को लेकर श्वेत पत्र जारी करें।

ज्ञातव्य हो कि प्रदेश सरकार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत सकल घरेलू उत्पाद (जी डी पी) के अनुपात में 4 फीसद तक लोन उठा सकती है। इसके लिए वित्त विभाग अधिकारियों की माने तो सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में 4 फीसद के दायरे में रहकर ही विकास परियोजना को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के अन्य परियोजनाओं को पूरा करने के लिए आरबीआई के माध्यम से लोन उठाया जा रहा है।