प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आबाद होंगे 16 अफ्रीकन चीते ..

64 चीतों को मध्य प्रदेश में बसाने की तैयारी । आगामी 2025 तक प्रत्येक बर्ष  16 – 16 चीतों का जोड़ा जाएगा ..

जंगल का राजा अगर शेर है तो शहजादा चिता था ! परन्तु देश में इनके बेतहास शिकार के चलते हमारे जंगल शहजादे की उपस्थिति से महरूम हो गए थे ! बीते कुछ बर्षो से इन्हें फिर आबाद करने के लिए पूर्वबर्ती सरकारों ने प्रयास किये जिसके सार्थक परिणाम अब देखने को मिला रहे है ! सुखद खबर है कि प्रदेश के जंगलों में राजा के साथ शह्जादे के दीदार हो सकेंगे ….

भारत में जंगल के शहजादे की आमद के लिए इंतजार की घड़ियाँ समाप्त हो रही है । खबर है कि आगामी 15 अगस्त स्वतंत्रा दिवस के अवसर पर प्रदेश में देड दर्जन चीते आने बाला है । ज्ञात हो की देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान (वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया-डब्लूआईआई) , मध्य प्रदेश सरकार  और केंद्रीय वन मंत्रालय के अधिकारियों के विशेषज्ञ दल ने बीते हफ्ते उपयुक्त चीतों की पहचान की कवायद में अफ्रीका के देश नामीबिया का दौरा किया था…

देश में 70 काल बाद एक बार फिर चीतों की दहाड़ गूजेंगी। 15 अगस्त को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में 16 अफ्रीकन चीतों को छोड़ा जाएगा। 1952 में चीतों को देश में लुप्त घोषित किया गया था,

इस साल स्वतंत्रता दिवस मध्य प्रदेश के लिए खास सौगात लेकर आने वाला है। देश में 70 काल बाद एक बार फिर चीतों की दहाड़ गूजेंगी। 15 अगस्त 2022 को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में 16 अफ्रीकन चीतों को छोड़ा जाएगा। 1952 में चीतों को देश में लुप्त घोषित किया गया था, जिसके बाद केंद्र ने अफ्रीकन चीतों को बसाने की योजना बनाई थी। बीते 27 सालों से एमपी के कूनो पालपुर नेशनल पार्क में अफ्रीकन चीतों को लाने की योजना पर काम किया जा रहा था। कुनो नेशनल पार्क में चीतों की बसाहट को केंद्र सरकार ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ अभियान के हिस्से के रूप में पेश करना चाहता है। मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य होगा जहां चीतों को दोबारा बसाने की कोशिश की जा रही है।

पर्यावरण मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक़  1 डिप्टी फील्ड डायरेक्टर, 1 रेंजर और 1 डॉक्टर समेत  3 अधिकारियों की एक टीम टेक्निकल ट्रेनिंग के लिए दक्षिण अफ्रीका/नामीबिया के लिए रवाना हो चुकी है। वन विभाग के अनुसार अफ्रीकी चीते दक्षिण अफ्रीका एवं नामीबिया से पहले ग्वालियर लाए जाएंगे। फिर यहां से सड़क मार्ग के जरिए इन्हें  कुनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंचाया जाएगा। फिलहाल 16 अफ्रीकी चीतों में 6 मादा चीता और 10 नर चीता होंगे। इनमे से 8 चीते नामीबिया और 8 साउथ अफ्रीका से लाए जा रहे हैं। अफ्रीकन चीतों का पहला जत्था है जो भारत के कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में लाया जा रहा है। सभी 16 चीतों को पहले साल ट्रायल अवधि में रखा जाएगा। अगर परिणाम सकारात्मक रहे तो 2023 में 16, 2024 में 16 और 2025 में भी 16 चीतों को जोड़ा जाएगा। इस तरह कुछ 64 चीतों को मध्य प्रदेश में बसाने की तैयारी है।

मध्य प्रदेश के कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (KNP) को चीतों के लिए चुनने के पीछे की मुख्य वजह चीतों को रखने के लिए आवश्यक स्तर की सुरक्षा, शिकार और आवास। हर चीते के रहने के लिए 10 से 20 वर्ग किमी का एरिया और  उनके प्रसार के लिए पर्याप्त जगह होना जरूरी है। यह सभी चीजें कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में मौजूद हैं। कूनो 750 वर्ग किमी में फैला है जो कि 6,800 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले बड़े श्योपुर-शिवपुरी खुले जंगल का हिस्सा है। समतल जमीन वाले इस अभ्यारण में इंसानों की किसी भी तरह की बसाहट भी नहीं है । इसके अतिरिक्त, एशियाई शेरों को मध्य प्रदेश के कुनो में लाने के असफल प्रोजेक्ट के तहत इस साइट पर पहले से ही बहुत सारी तैयारियां और निवेश किए जा चुके हैं जो कि चीतों के लिए एकदम उपयुक्त है। मिडिया रिपोर्ट