पुलिस की पिटाई से हुई मजदूर की मौत..

लॉक डाउन के चलते पुलिस  अत्याचार के मामले आये दिन सामने आ रहे है परन्तु पुलिस की बदम पिटाई के चलते एक मजदूर की मौत की खबर ने लोगो को आश्चर्य में डाल दिया ? जनता के जेहन में पुलिस के प्रति सहानुभूति की जगह नफरत के भाब आ गये है जो की मौजूदा वक्त में पुलिस प्रशासन के लिए अच्छी खबर तो बिलकुल ही नही है ! पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली पर नये सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है …

पुलिस की पिटाई से  एक मजदूर की मौत हो गई ! यह आरोप उसके साथी ने पुलिस पर बेदम पिटाई का आरोप लगाया है। दअरसल मुंबई के डोंगरी इलाके में शनिवार रात को घर लौटते समय एक मजदूर की मौत हो गई, जिसके बाद उसके साथ रहने वाले साथी ने आरोप लगाया कि पीड़ित को पुलिस की तरफ से लॉकडाउन को तोड़ने के लिए पीटा गया था। हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से इनकार कर दिया है। इस मामले पर पुलिस का कहना है कि मजदूर की मौत दिल की बीमारी के कारण हुई थी।
इस मामले पर जेजे मार्ग पुलिस ने आकस्मिक मौत रिपोर्ट दर्ज की है। दरअसल पीड़ित सगीर जमील खान के रूममेट ने दावा किया कि शनिवार रात को घर लौटने के बाद, खान ने उसे बताया कि जब वह नल बाजार इलाके में एक रेफ्रिजरेटर देने के लिए ठेला चला रहा था, तब पुलिस ने डोंगरी में फूलवाली गली में उसे पकड़ लिया और उसके सिर, पैर और पीठ पर मारा। इसके बाद रात को खाना खाते समय खान अचानक से गिर गया।

पीड़ित के रूममेट ने बताया कि जब वह गिरा तब उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हालांकि, पुलिस उपायुक्त, जोन 1, संग्रामसिंह निषंदर ने बताया कि खान की मेडिकल रिपोर्ट में मौत का कारण दिल की धड़कन का बढ़ना बताया गया है। खान के शरीर पर कोई बाहरी या आंतरिक चोट नहीं थी। संग्रामसिंह निषंदर ने कहा कि पुलिस पर लगाए गए आरोप झूठे और निराधार हैं, क्योंकि सड़क का सीसीटीवी फुटेज उसे उस जगह से काफी दूरी से गुजरते हुए दिखाता है, जहां पुलिस की नकाबंदी थी। अधिकारी ने कहा,  मेडिकल परीक्षण के बाद शव को उसके रिश्तेदारों को सौंप दिया जाएगा।

इससे पहले भी पुलिस पर ऐसे ही आरोप लगे थे, जहां पिछले महीने मजदूर राजू वेलू देवेंद्र के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया था कि नेहरू नगर इलाके में तालाबंदी के दौरान पुलिस कर्मियों की तरफ से उन्हें पीट-पीटकर मार डाला गया था। हालांकि, पुलिस ने आरोपों का खंडन किया। पुलिस ने दावा किया कि मृतक को क्षेत्र के निवासियों की तरफ से पीट-पीट कर मार दिया गया था, जब वह लूट का प्रयास कर रहा था। इस घटना पर पुलिस ने तब आठ लोगों के खिलाफ हत्या और दंगा करने के लिए मामला दर्ज किया था।