तीन दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन का ..

जल का संरक्षण केवल जल का ही नहीं, जीवन का भी संरक्षण है। पानी की कमी चिंताजनक स्थिति में है। इसलिए सभी लोग जल संरक्षण का संकल्प लें। पानी बचाना केवल सरकार और किसी एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं, यह सभी की सामूहिक जवाबदेही है। ये विचार केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में शुरू हुए तीन दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन के उदघाटन सत्र में व्यक्त किए। उन्होंने आह्वान किया कि जिस प्रकार हम सभी बचत कर बैंक का ऋण चुकाते हैं उसी तरह आने वाली पीढ़ी के लिये पानी सहेजने का काम करें। पानी की विरासत बचाने पर केन्द्रित तीन दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन यहाँ भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान में आयोजित हो रहा है। कार्यक्रम में प्रदेश के जल संसाधन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट तथा देश भर में जल पुरूष के नाम से विख्यात राजेन्द्र सिंह मंचासीन थे।

जल संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे देश के लगभग डेढ़ दर्जन प्रांतों के जल योद्धा इस आयोजन में भाग लेने आए हैं। श्री सिंधिया ने ग्वालियर रियासतकाल में जल संरक्षण व संवर्धन के लिये किए गए कामों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ग्वालियर जिले में स्थित हरसी बांध आज भी एशिया का मिट्टी का सबसे बड़ा बांध है। इस अवसर पर श्री सिंधिया ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जल के संरक्षण व संवर्धन को लेकर विशेष चिंतित रहते हैं। इसीलिए उन्होंने जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया है। जिसके तहत हर घर में नल से पानी उपलब्ध कराने के साथ-साथ पानी को सहेजने के उपाय भी किए जा रहे हैं। जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि पानी मानव जीवन के विकास की बुनियाद है। इसीलिए हर गाँव में तालाब हमारी संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कहा मध्यप्रदेश सरकार जल के संरक्षण व संवर्धन के लिये कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा जल योद्धाओं और सम्पूर्ण समाज की भागीदारी से हम पानी को सहेजेंगे। श्री सिलावट ने कहा कि इस पुनीत कार्य में जुटे लोगों को प्रदेश सरकार से हर संभव सहायता मिलेगी।

जल पुरूष के नाम से विख्यात राजेन्द्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि भारत एक पानीदार देश है। अगर हम बेहतर ढंग से पानी का प्रबंधन कर लें तो भारत में कभी पानी का संकट नहीं आएगा। इसके लिये सभी को जागरूक होने की जरूरत है। श्री सिंह ने “वाटर लिटरेसी मूवमेंट” चलाने की जरूरत पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा यदि हम अभी से सचेत होकर पानी बचाने के लिये आगे नहीं आए तो अफ्रीकन देशों की तरह भारत को भी भीषण जल संकट का सामना करना पड़ेगा। श्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि हमें नदियों को नाला बनने से रोकना होगा। अर्थात नदियों को प्रदूषण से बचाना होगा। उन्होंने ग्वालियर क्षेत्र में जल संरक्षण की समृद्ध विरासत की सराहना की। इस अवसर पर जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि पानी सहेजने के पुनीत उद्देश्य से राष्ट्रीय जल सम्मेलन में भाग लेने आए सभी जल योद्धाओं का मध्यप्रदेश शासन की ओर से सम्मान किया जाएगा। राष्ट्रीय जल सम्मेलन के उदघाटन अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने प्रतिभागियों को मास्क वितरित किए। साथ ही आह्वान किया कि कोविड-19 की तीसरी संभावित लहर को रोकने के लिये सभी लोग मास्क लगाएँ। साथ ही प्रयास करें कि कोई भी टीकाकरण से वंचित न रहे