जवाबदारी निभाने के समय शिवराज जी नाटक- नौटंकी में लग जाते है – कमलनाथ

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के भोपाल की सड़कों पर ठेला लेकर आंगनवाड़ी के बच्चों के लिये खिलौने व अन्य सामग्री एकत्रित करने के लिये निकलने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को जो करना है , वह तो वह करते नहीं लेकिन जब भी कुछ करने का समय होता है , जवाबदारी निभाने का समय होता है तो जवाबदारी निभाने की बजाय जिम्मेदारी से भाग कर इवेंट-नाटक-नौटंकी में लग जाते हैं….
पहले भी हम देख चुके कि जब मंदसौर में किसानों के सीने पर गोलियां चली थी तो किसानों को न्याय दिलाने की बजाय , उनके आंसू पोछने की बजाय भोपाल में उपवास पर बैठ गए थे।
जब प्रदेशवासी कोरोना से जूझ रहे थे तो उन्हें स्वास्थ्य सुविधा दिलाने की बजाय , भोपाल के मिंटो हाल में गांधी प्रतिमा के समक्ष स्वास्थ्य आग्रह पर बैठ गए थे , रथ पर बैठकर सड़कों पर गोले बनाने निकल पड़े थे , लोगों को मास्क पहनाने निकल गये थे।
इसके पूर्व भी प्रदेश में कोयला संकट ,बिजली संकट के समय भी उनके सत्याग्रह , धरने भी हम देख ही चुके है।

आज जब प्रदेश में कुपोषण निरंतर बढ़ता जा रहा है , मध्यप्रदेश कुपोषण के मामले में देश में शीर्ष पर पहुँच चुका है , आज आवश्यकता है कि बच्चों को ठीक पोषण आहार मिले , वो सुपोषित हो ,आंगनवाड़ी के बच्चों को सभी सुविधाएँ मिले , इसको लेकर ठीक कार्ययोजना बने , इसके नाम पर चली आ रही योजनाओं में जो वर्षों से भ्रष्टाचार व घोटाले हो रहे है , उस पर रोक लगे लेकिन हमारे शिवराज जी एक बार फिर ज़िम्मेदारी निभाने की बजाय , इससे भागकर अब ठेला लेकर सड़कों पर निकल पड़े है।
अब वो जनता से सहयोग माँग रहे है , पुराने खिलोने व सामग्री एकत्रित कर रहे है..?
बड़ा ही शर्मनाक है कि इस कार्यक्रम को भी इवेंट बनाकर , इसके प्रचार-प्रसार पर ही करोडों खर्च किये जा रहे है।
जबकि इस राशि से कई आंगनवाडियो की दशा सुधारी जा सकती थी।

ख़ुद शिवराज सरकार ने हाल ही में विधानसभा में स्वीकारा है कि मध्य प्रदेश में अभी भी 10 लाख 32 हज़ार 166 बच्चे कुपोषित हैं और इसमें से 6 लाख 30 हज़ार 90 बच्चे अति कुपोषित श्रेणी में है।
मध्यप्रदेश में अभी भी 5 साल से कम उम्र के 42% बच्चे कुपोषित हैं।
जनगणना निदेशालय की सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में आज भी 1000 में से 33 बच्चे जन्म के 28 दिन बाद ही दम तोड़ देते हैं।
यह स्थिति 17 वर्षों की भाजपा सरकार की है..
वही क्राई की हाल ही में सामने आयी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदेश में प्रतिदिन 29 बच्चे लापता हुए है और वर्ष 2021 में इसमें 26% की बढ़ोतरी हुई है।

 

इस भयावह व गंभीर स्थिति के बाद तो आवश्यकता है कि इसकी रोकथाम के लिये ठोस कार्य हो , ठोस कार्ययोजना बने , हम भी चाहते है कि आंगनवाड़ी की स्थितियाँ सुधरे , कुपोषण दूर हो , बच्चे स्वस्थ रहे , सुरक्षित रहे लेकिन हमारे मुख्यमंत्री तो ठेला चलाकर कुपोषण को दूर करने व स्थितियाँ सुधारने निकल पड़े है…?
जिस तरह से उन्होंने सड़कों पर घूमकर कोरोना को हराया था।
जब आप 17 वर्षों की सरकार में स्थितियाँ नही सुधार पाये तो इस एक दिन के ठेला इवेंट से स्थितियाँ कैसे सुधरेगी , यह भी आपको प्रदेश की जनता को बताना चाहिये।
क्या इससे बच्चे सुपोषित हो जाएँगे..? शिशु मृत्यु दर के आँकड़े कम हो जाएँगे..?
क्या आंगनवाडियो की अव्यवस्था दूर हो जाएगी..?

तो क्या सरकारी खजाने से आंगनवाड़ी के बच्चों की मदद नहीं की जा सकती है , उन्हें खिलौने नही दिये जा सकते है , सामग्री नही दी जा सकती है ,क्या सरकार उसके लिये सक्षम नही है..?
क्या प्रदेश का खजाना सिर्फ इवेंट-आयोजन-अभियान व खुद के प्रचार-प्रसार पर लुटाने के लिए है , करोड़ों के चुनावी आयोजनो के लिये है..? प्रदेश के भांजे- भाँजियो का इस पर कोई हक़ नही है..?

शिवराज जी को प्रदेश की कुपोषण की वर्तमान स्थिति ,शिशु मृत्यु दर , लापता बच्चों के आँकड़े , आंगनवाड़ी की वर्तमान वास्तविक स्थिति की जानकारी भी उन सभी लोगों को बताना चाहिये , जिनके समर्थन का वो दावा कर रहे है।

शिवराज सरकार तो पहले ही प्रदेश को क़र्ज़ के दलदल में धकेल ही चुकी है , प्रदेश में क़र्ज़ का आँकड़ा बढ़ता ही जा रहा है , प्रदेश पर क़रीब 3 लाख करोड़ का क़र्ज़ हो चुका है..

क्या यह जवाबदारी भी अब जनता की है कि सरकार की नही..?
जनता व कई सामाजिक संगठन तो हमेशा से ही बच्चों की मदद के लिये आगे रहते है लेकिन सरकार की भी तो कुछ जवाबदारी होना चाहिये..?
इस हिसाब से तो ऐसी नाकारा सरकार को तो पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है , ऐसी सरकार को और मुख्यमंत्री को तो खुद हट जाना चाहिए।
पता नही यह सरकार कब इवेंट , आयोजनो , नाटक- नौटंकियो से बाहर निकलेगी , कब अपनी ज़िम्मेदारियों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करेगी..?