कोरोना का कहर : 8 करोड़ खर्च के बाद भी बच ना पाई जान..

लोग कहते है की इंसान के जीवन की डोर ईश्वर के हाथो है ! उसकी मर्जी के बिना कुछ नही हो सकता , सब उसी के हाथो तय जब जिसे बुलाना होगा तब उसे कोई नही रोक सकता और बिना बुलाये कोई किसी की जान नही ले सकता है ! विज्ञान चाहे कितनी की प्रगति कर ले , परन्तु साँसों पर बस उस अज्ञात , अनदेखी, अलौकिक शक्ति  का ही बस चलता है ! बाकि सब निरर्थक और अनचाहा ही है ..

कोरोना से संक्रमित मरीज के ईलाज में 8 करोड़ से भी खर्च करने के बाद भी मरीज की जान नही बच पाई ! मामला प्रदेश के रीवा जिले के एक किसान का चेन्नई में पिछले 8 महीने से इलाज चल रहा था  ! मरीज के फेफड़े 100% संक्रमित थे , संक्रमण के चलते इतना सब इलाज पर खर्च करने के बाद भी मरीज को बचाया नही जा सका ….

चेन्नई के अपोलो अस्पताल में आठ महीने इलाज के बाद रीवा के किसान धर्मजय सिंह (50) की मंगलवार रात कोरोना से मौत हो गई। उनके इलाज पर करीब 8 करोड़ रुपए खर्च हो चुके थे। धर्मजय मई 2021 में कोरोना संक्रमित हुए थे। हालत में सुधार नहीं होने पर उन्हें 18 मई को एयर लिफ्ट करके चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां लंदन के डॉक्टर मॉनिटरिंग कर रहे थे।

करीब 254 (8 महीने से अधिक) दिन उनका इलाज चला। उन्हें एक्मो मशीन पर रखा गया था। इलाज पर हर दिन लगभग 3 लाख रुपए खर्च हो रहे थे, जिसके लिए परिवार ने 50 एकड़ जमीन तक बेच डाली। देश में कोरोना का सबसे लंबा इलाज मेरठ के विश्वास सैनी का चला था, जिन्होंने 130 दिन बाद कोरोना को मात दी थी सम्बाददाता सम्पति दास गुप्त ने बताया कि प्रशासन की मानें तो –
कोरोना पर 8 करोड़ खर्च का पहला मामला: जिले के ग्राम लकरी के किसान का चेन्नई में 8 महीने चला इलाज, फेफड़े 100% संक्रमित थे; नहीं बची जान

 

18 मई को चेन्नई एयरलिफ्ट किया गया था : – मऊगंज क्षेत्र के रकरी गांव के रहने वाले धर्मजय सिंह (50) का 30 अप्रैल 2021 को सैंपल लिया गया। 2 मई को मिली रिपोर्ट में वे कोरोना संक्रमित मिले थे। भाई प्रदीप सिंह ने बताया कि एक सप्ताह पहले अचानक धर्मजय का ब्लड प्रेशर कम को गया था। डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में भर्ती कर दिया। यहां उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया, तो वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। शुरुआत में उन्हें रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत में सुधार न होने पर 18 मई को एयर एम्बुलेंस से चेन्नई ले जाया गया। तब से वहीं भर्ती थे। अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती रहे धर्मजय सिंह के फेफड़े 100% संक्रमित हो गए थे। हालांकि,चार दिन बाद कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गए थे। फेफड़ों में संक्रमण के कारण एक्मो मशीन के माध्यम से उन्हें नई जिंदगी देने की कोशिश की जा रही थी।

देश-विदेश के डॉक्टरों ने​ किया इलाज  :- परिजनों की मानें तो धर्मजय सिंह का इलाज देश-विदेश के डॉक्टरों की मौजूदगी में हुआ। उनको देखने लंदन के मशहूर डॉक्टर अपोलो अस्पताल आया करते थे। साथ ही अन्य देशों के डॉक्टरों की भी ऑनलाइन सलाह ली जा रही थी। लंदन के​ डॉक्टरों के कहने पर ही आठ माह तक एक्मो मशीन पर रखा गया था। वह पूरी तरह ठीक हो गए थे। इधर श्री सिंह की मृत्यु पर विंध्य में जनसंघ के संस्थापक तथा लोकतंत्र सेनानी सरयू प्रसाद वैद्य काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी में विधि संकाय के प्राध्यापक डॉ नवल किशोर मिश्रा समाजसेवी दीनानाथ केसरवानी एडवोकेट क्रमशः कमलनयन केसरी विनोद कुमार गुप्ता शैलेंद्र केसरी वरिष्ठ पत्रकार संपति दासगुप्ता आनंद मिश्रा ओम प्रकाश गुप्ता श्याम बाबू गुप्ता सरोज गुप्ता अनसूया सोनी आज अनेक समाजसेवी राजनैतिक सामाजिक सरोकार से जुड़े लोगों ने अपनी शोक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परमात्मा श्रीमन्नारायण से मुक्त आत्मा की शांति तथा परिजनों को धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की है। साभार : मिडिया रिपोर्ट