ऑफलाइन परीक्षाएं का मामला, अब सुप्रीम कोर्ट की राह पर ..

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज होती जा रही है ! इसी के बीच प्रदेश के महाविद्यालय में ऑफलाइन परीक्षाओं को लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई थी ! जिसमें कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऑफलाइन परीक्षाओं की जगह ऑनलाइन परीक्षाओं परीक्षाएं कराए जाने का जाने की मंशा जाहिर की गई थी ! आज उसी पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश सरकार के उस फैसले पर ही मोहर लगा दी जिसमें उन्होंने प्रदेश के महाविद्यालय में ऑफलाइन परीक्षा कराए जाने की दलीले दी थी ! प्रदेश सरकार ने माननीय उच्च न्यायालय में ऑफलाइन परीक्षाओं के दौरान कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन सख्ती के साथ कराए जाने के आश्वासन के बाद माननीय उच्च न्यायालय ने सरकार के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी ….
प्रदेश सरकार ने कोर्ट को दिए अपने जवाब में कहा कि पूरी सतर्कता के साथ ऑफ़लाइन परीक्षा आयोजित की जाएगी। अगर किसी छात्र को कोरोनावायरस संक्रमण हो जाता है तो उसे दोबारा परीक्षा देने की पात्रता भी रहेगी। सरकार के इस जवाब से संतुष्ट होते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। जिसके बाद नाराज ला स्टूडेंट्स नेे मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने का मन बना लिया है।
राज्य सरकार ने संक्रमण से बचने के सभी इंतजामों के बारे में भी हाई कोर्ट को अवगत कराया और इनका सख्ती से पालन किए जाने के लिए निर्देश देने के बाद भी कहीं। राज्य सरकार का जवाब सुनने के बाद हाई कोर्ट ने लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका के खिलाफ सरकार के पक्ष में फैसला दिया है।
गौरतलब है कि कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण ला स्टूडेंट ने ऑफलाइन परीक्षाएं रोके जाने हेतु हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। विद्यार्थियों ने अपनी ओर से दायर याचिका में कहा था कि ऑफलाइन परीक्षा आयोजित कर स्टूडेंट्स को कोरोनावायरस के संकट में धकेला जा रहा है। उसके बाद मामले पर सरकार ने अपना जवाब पेश किया है।