अवतरण दिवस की बधाई क्यों लिखते है…

शारदेय नवरात्र में माँ भगवती की आराधना घर घर हो रही है| देश दुनिया में शक्ति उपासना चल रही है | इसी बीच एक बात ध्यान में आ गई, जो बहुत दिनों से परेशान कर रही है| आज के समय में बधाई, शुभकामना, संवेदना, सब कुछ सोशल मीडिया पर तेजी से बह रहा है| फिर इन संदेशों में ज्ञान का उफान भी देखने मिल जाता है| इसी सन्देश नदी में एक शब्द उतराता मिल गया *अवतरण* | मैं तो चौंक गया की ये क्या बला है ?फिर लगा की मेरे लिए नया है सोशल मीडिया में इसका चलन पहले से हो| फिर भी बात खटक गई….

अवतरण का इस्तेमाल लोग आजकल किसी के जन्मदिन के लिए कर रहे हैं यह मेरे एक साथी ने बताया | उसने बताया और वो इस शब्द के इस्तेमाल पर बहुत बहस नहीं चाहता था सो शांत ही रहा | मैं ठहरा दर्शन का विद्यार्थी सो मनन करने लगा | मेरे हिसाब से जन्मदिन के लिए अवतरण शब्द का प्रयोग सर्वथा अनुचित और अनुपयुक्त है| ये तो मेरी अपनी राय है, भाषाविद, प्राथमिक, मिडिल, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी के शिक्षक इस पर अपनी राय सबसे सटीक दे पाएंगे | इन शिक्षकों की राय मैं इसलिए जानना चाहता हूँ की वे ही भाषा की बारीकी से हमारा परिचय कराते है| मेरे शिक्षक जो भी व्यक्त करेंगे उसे ही उचित माना जायेगा | बाकी शिक्षक भी अपनी राय जरूर दें | ये हिंदी और संस्कार से जुड़ा मामला है|

इस अवतरण शब्द पर अटकन और उलझन क्यों हुई, यह भी बताना चाहता हूँ| जब आप किसी को जन्मदिन की बधाई अवतरण दिवस की बधाई कह कर देते है तो आप क्या गलत कर रहे है, आपकी समझ में नहीं रहता| खैर मैं अपनी बात कहता हूँ :- दुनिया में अवतरण तो नहीं जन्म जरूर होता है| वो इसलिए की देवताओं ने भी जन्म लेने के लिए माँ की कोख की ही शरण ली| दुसरे दुनिया का एकमात्र रिश्ता, सम्बन्ध जो प्रकृति और देव प्रदत्त है वो है *नाभिनाल* रिश्ता | दुनिया के बाकी सारे रिश्ते या सम्बन्ध समाज, मानव ने अपनी सुविधा और सामाजिक व्यवस्था के लिए बनाये | इस सृष्टि का पहला और सनातन सम्बन्ध *नाभिनाल* ही है| इसलिए ही हर जीव का पहला भोजन भी माँ का दूध ही है| जब आप किसी को कहते है की अवतरण दिवस की बधाई शुभकामना, आशीर्वाद तो आप जाने अनजाने में माँ जैसे पूज्य रिश्ते का अपमान कर रहे होते है| जिसका आप को कोई हक़ नहीं है | अवतरण ही होना होता तो राम, कृष्ण, हनुमान गणेश आदि आदि देव ने माँ की कोख में शरण न ली होती और नाभिनाल को न केवल स्वीकार बल्कि मान्यता भी दी होती |
आखिर लोग अवतरण दिवस की बधाई क्यों लिखते बोलते है तो समझ में आया की | ये भी व्यक्ति पूजा, चाटुकारिता, कुछ अलग दिखने की होड़ के चलते हो रहा है | स्वार्थ इतना बढ़ गए है की संबंधों की गरिमा भी लोग भूल रहे है| जन्मदिन की बधाई बोलने लिखने से भी व्यक्ति उसी भाव में लेगा जिस भाव में अन्य किसी शब्द को| मेरा मानना है की आप को कुछ अतिरिक्त या अनूठे तरीके से बधाई देना ही हो तो दंडवत करके फोटो उतरवा कर वायरल कर सकते है| लेकिन अवतरण कह कर माँ का अपमान न करिये, इससे आपकी माँ को भी बुरा लगता होगा | आप सभी से अपील है की इस पर आप खुलकर अपने विचार जरूर दें | मेरे लिए नहीं दुनिया की हर माँ के लिए , जगत जननी के लिए | उनके सम्मान के लिए …………………….काशीनाथ