अरदली को बचा रहे है डीएफओ बंसल ….?

वन परीक्षेत्र कार्यालय छिंदवाड़ा में पदस्थ आदिवासी महिला कर्मचारी के साथ रंगीन मिजाज रेंजर सुरेंद्र सिंह राजपूत द्वारा किए गए अश्लील कृत्य की घटना को दफन करने की तैयारी में वन विभाग का पूरा अमला जुड़ा हुआ है ! जिसमें विभाग के ही कुछ डिप्टी रेंजर और राजपूत रेंजर के चलते कुछ लिपिक युद्ध स्तर पर प्रयास कर रहे हैं कि किसी भी इस तरह से यह मामला शांत हो जाए और राजपूत रेंजर पर किसी प्रकार की कार्यवाही ना हो ! पूर्व वन मंडल के डीएफओ अखिल बंसल और मुख्य वन संरक्षक श्री कोरी के द्वारा इस गंभीर मामले में महिला के प्रति किसी भी प्रकार की संवेदना नहीं बरतते हुए रंगीन मिजाज राजपूत रेंजर को इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने खुली छूट दे रखी है ताकि यह अपने मातहत कार्यालय में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के प्रति गंदी सोच और दुर्भावना के साथ अश्लील कृत्य करता रहे पितृसत्ता को विभाग में स्थापित करने का यह प्रकरण सभ्य समाज में कतई स्वीकार नहीं होगा ?

ज्ञात हो की dfo अखिल बंसल वन विभाग के रेस्ट हॉउस में डेरा डाले हुए है और उनकी अरदली के रूप में सेवाए रंगीन मिजाज रेंजर सुरेंद्र सिंह राजपूत दे रहे है ! साहब रेंजर की सेवाओं से इतने प्रसन्न है की उसे बचाने में जी जान एक किये हुए है ! आखिर सेवाओं का प्रतिफल मिलना भी चाहिए ? वह भी इस रूप में ..! 

पूर्व वनमंडल छिंदवाड़ा के रंगीन मिजाज रेंजर सुरेंद्र सिंह राजपूत के हौसले बुलंद हैं और विभागीय स्तर पर इसे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए जा रहे खुले संरक्षण के चलते अब इसने विभिन्न स्तरों से महिला कर्मचारियों को दबाव बनाना प्रारंभ कर दिया है ! क्योंकि मामले को विभागीय स्तर पर निपटाया जा सके ! इस रंगीन मिजाज रेंजर का साथ देने के लिए विभाग के कुछ इसी तरह की वासनात्मक मानसिकता रखने वाले कर्मचारी पूरी तरह से प्रयासरत हैं कि इस मामले में समझौता हो जाए ! क्योंकि महिला अपने साथ किए गए अश्लील व्यवहार एवं अपमानजनक कार्यवाही के विरोध में अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए पूरी तरह से तत्पर होकर राजपूत रेंजर के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने को की मांग पर अड़ी हुई है !

उल्लेखनीय है कि रेंजर सुरेंद्र सिंह राजपूत की कारनामों से विभाग भली भांति परिचित है और इनके रंगीन मिजाज होने के चर्चे सभी वन  मंडलों में चर्चित है ! यहां तक की यह रेंजर राष्ट्रीय पर्व के दौरान भी अपने मातहत काम करने वाली महिला कर्मचारियों के प्रति गंदी मानसिकता रखकर सार्वजनिक तौर से महिलाओं को जिस निगाह से देखता है उसकी पुष्टि इस यह फोटो ग्राफ्स करते हैं , जिसमें महिला कर्मचारियों को गिद्ध दृष्टि से देखता रेंजर और शर्मसार होती महिला कर्मचारी असहाय होकर शांत भाव से खड़ी है ! डीएफओ अखिल बंसल और मुख्य वन संरक्षक कोरी के कार्यकाल की यह घटना छिंदवाड़ा जिले के इतिहास की पहली शर्मनाक घटना है ! जिसमें ना केवल इस पूर्व वन मंडल के कर्मचारियों को शर्मसार किया है बल्कि पूरे प्रदेश में इस वन मंडल को कलंकित करने का काम भी इस रंगीन मिजाज रेंजर के कारनामों के चलते किया गया गया है !

डीएफओ अखिल बंसल को इस बात का खुलासा करना चाहिए कि आखिर उनके बन मंडल के अंतर्गत काम करने वाली महिलाएं आखिर सुरक्षित क्यों नहीं है ? एक जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा राजपूत रेंजर पर अभी तक किसी प्रकार भी प्रकार की कार्य की विभागीय कार्यवाही ना करना इस बात को प्रमाणित करता है कि डीएफओ अखिल बंसल इस रंगीन मिजाज रेंजर को पूरा संरक्षण प्रदान कर रहे हैं और वह किसी भी स्तर पर यह नहीं चाहते कि रेंजर पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही हो ? आदिवासी महिला कर्मचारी के साथ किए गए अश्लील व्यवहार की मीडिया में खबरें प्रसारित होने के बाद मचे हो हल्ले को शांत करने के लिए डीएफओ ने विभागीय स्तर पर जांच समिति की घोषणा तो कर दी परंतु इसे का कार्यवाही को अंजाम अमलीजामा पहनाने के लिए कोई भी कारगर पहल नहीं की गई है ?

जाहिर तौर पर डीएफओ बंसल ही इसमें कोई कार्यवाही नहीं चाहते हैं ? इसलिए उनके द्वारा जिस तरह के से प्रकरण में कछुआ चाल से कार्यवाही को अंजाम दिया जा रहा है वह सर्वविदित है ! पूर्व वन मंडल छिंदवाड़ा में घटित इस घटना क्रम से अब दूसरे मंडलों में भी कार्यरत महिला कर्मचारियों में असुरक्षा का भाव पनपना स्वाभाविक है ! क्योंकि जब वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी निम्न हरकत करने वाले कर्मचारियों को संरक्षण दे रहे हैं ऐसी स्थिति में असुरक्षा की भावना का प्रबल होना स्वभाविक हो जाता है ?

विभागीय सूत्रों के अनुसार अन्य वन मंडलों की महिला कर्मचारी भी इस मामले को लेकर आक्रोशित हैं और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अश्लील कृत्य करने वाले राजपूत रेंजर को विभागीय संरक्षण देने से परेशान भी हैं ? क्योंकि कोई भी महिला कर्मचारी कार्यालय में किसी पुरुष कर्मचारी द्वारा की जा रही लैंगिक हिंसा को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगी ! अन्य वन मंडलों के कर्मचारी इस शर्मनाक घटना पर डीएफओ अखिल बंसल और मुख्य वन संरक्षक कोरी की कार्यप्रणाली को लेकर आक्रोशित है !पूर्व वन मंडल में घटित इस घटना  ने यह साबित कर दिया है की डीएफओ अखिल बंसल और मुख्य वन संरक्षक कोरी रेंजर सुरेंद्र सिंह राजपूत पर कार्यवाही करना ही नही चाहते है और आदिवासी महिला कर्मचारी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की प्रबल इच्छा रखते हैं ?                        साभार : सोशलिस्ट एक्सप्रेस