अधिवक्ताओं ने लोक अदालत का किया बहिष्कार ……

कोरोना काल के इस भीषण दौर में अधिकांश अधिवक्ताओं की आर्थिक स्थिति जर्जर हो गई है और ऊपर से लोक अदालत का आयोजन मानो दुबले पर दो आषाढ़ बाली कहावत पूर्णरूप से चरितार्थ हो गई है…..आज जिले के परासिया तहसील न्यायालय परिसर में जो हुआ वह किसी भी मायने में उचित नहीं कहा जा सकता परंतु इतना तो तय है कि  अधिवक्ताओं की मांगे भी जायज है ? स्थिति अभी नहीं संभली तो बार और बेंच के बीच खाई और गहरी होती जाएंगी जो अधिवक्ताओं और पक्षकारों दोनों के ही हितों के विपरीत होगी ! जिला बार एसोसिएशन को इस मामले में आगे बढ़ कर पहल करनी होगी और इस मामले का समय रहते उचित हल भी खोजना होगा वरना न्यायालिक प्रक्रिया के प्रति लोगों का विश्वास समय के साथ साथ कम होता जाएगा जो कि एक स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए यह किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं ठहराया जा सकता है …एडीजे कोर्ट खुलवाने की मांग पर अधिवक्ताओं का कहना है कि जिले में सबसे पहले परासिया में ही एडीजे कोर्ट खोलने की स्वीकृति थी लेकिन अब तक कोर्ट नहीं खुले हैं जिसको लेकर अधिवक्ताओं में अच्छा खासा रोष देखा जा रहा है ! अधिवक्ताओं ने नाम ना देने की शर्त पर कहा की कोरोना काल के इस भीषण दौर  में अधिकांश अधिवक्ताओं की आर्थिक स्थिति जर्जर हो गई है और हमारी जायज मांगों को भी नजर अंदाज कर ऊपर से लोक अदालत का आयोजन मानो दुबले पर दो आषाढ़ बाली कहावत पूर्णरूप से चरितार्थ हो गई है …….राकेश प्रजापति 

छिंदवाड़ा :-  जिले की परासिया तहसील मुख्यालय में  बीते 5 दिनों से अपनी मांग को लेकर अधिवक्ता काली पट्टी लगाकर बे मन से काम कर रहेथे ! वहीं आज प्रात कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं ने काली पट्टी लगाकर लोक अदालत का बहिष्कार कर दिया ! अधिवक्ताओं का कहना है कि स्वीकृति मिलने के बाद भी परासिया में एडीजे कोर्ट नहीं खुलने से नाराज अधिवक्ताओं ने लोक अदालत का सहयोग नहीं करने का निर्णय लिया है !

  इस मामले पर अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्याम कुमार साहू ने बताया कि परासिया में एडीजे कोर्ट अभी तक नहीं खुला है जिसको लेकर अधिवक्ता सालों से गुहार लगा रहे हैं ! उन्होंने कहा अब हम अपने विरोध को और तेज करेंगे तथा अभी और आगामी लोक अदालत का अधिवक्ता सहयोग नहीं करेंगे ! उन्होंने यह भी कहा कि एडीजे कोर्ट खुलवाने की लड़ाई केवल हम वकीलों की ही नहीं बल्कि इसमें पक्षकार का भी फायदा होगा ! वहीं व्यापार भी बढ़ेगा और कोर्ट और बेंच के बीच दूरियां कम होकर सुलभ और सस्ते न्याय का मार्ग पक्षकारों के हित में प्रशस्त होगा ! अधिवक्ताओं का कहना है कि जिले में सबसे पहले परासिया में एडीजे कोर्ट खोलने की स्वीकृति मिली थी लेकिन यहां की वजह जिले की अन्य तहसीलों में एडीजे कोर्ट खुल गए हैं ! उन्होंने कहा कि आंदोलन और समय के साथ गति पकड़ेगा…..

अब सबाल यह उठता है की बेंच और बार के बीच संबाद ,समन्वय और तालमेल की कमी है जो आज देखने को मिली ? ये अच्छे संकेत नही है बहिष्कार से जहाँ अन्दर खाने पाक रहे  मनमुटाव , बेंच और बार के असंबाद जनता के सामने आ गया , इसमे जिला बार एसोशियेशन की क्या भूमिका होनी चाहिए थी ? यह सबाल भी प्रगतिशील और समान विचारधरा के लोगों के मन में उठने लगे है ? क्या यह मामला समय रहते सुलटा लिया जाएगा या फिर काले कोटधारियों के मन के रंग समय रहते क्षितिज पर इन्द्रधनुषीय छटा बिखेरेंगे , हालाँकि मौसम भी बरसात का ही है