अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त के आदेश जारी ..

प्रदेश में शिक्षा के क्या हाल है यह किसी से छुपा नही है ! स्कूल है तो शिक्षक नही , कहीं-कही 60-65 विद्यार्थियों पर मात्र एक शिक्षक ! ग्रामीण अंचलों में अधिकांश शालाये एक शिक्षक के भरोसे चल रही है ! शिक्षक बर्षो से अपनी मांगो को लेकर शासन प्रशासन और तो और इन्ही शिक्षकों की हड़ताल की बजह से कमलनाथ सरकार को रोड पर आना पड़ा ! शिवराज इन्हें आश्वासन पर आश्वासन देते आ रहे है वहीं दूसरी तरफ प्रदेशकी नौकरशाही इन्हें अब बेदखल करने के मूड में दिखाई पड़ रही है ! देखना होगा की आगे क्या होता है ….  

राज्य शासन की तरफ से 48000 अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त के आदेश का जारी कर दिए गए हैं। जिसके बाद अब 30 अप्रैल के बाद सभी अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त हो जाएगी। इस मामले में DPI कमिश्नर ने सभी जिला एवं विकास खंड अधिकारी को निर्देश जारी किए हैं। जिसके मुताबिक मूल्यांकन का काम खत्म होने पर अतिथि शिक्षकों की सेवाएं ली जा सकती है।

वही लोक शिक्षण संचालनालय के कमिश्नर अभय वर्मा द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारी और विकास खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देश जारी किए गए हैं। पत्र क्रमांक/ IT/ अतिथि शिक्षक/ 2022/ 239 दिनांक 7 अप्रैल को जारी किया गया है। जिसके मुताबिक विद्यालय में शिक्षकों के रिक्त प्रशिक्षण और अवकाश के कारण विद्यालय में दर्ज विद्यार्थियों के पठन-पाठन को प्रभावित न किया जाए। इसके लिए संचालनालय के संदर्भ निर्देशों के द्वारा 2020-21 के शैक्षणिक सत्र में विद्यालय में अतिथि शिक्षकों को आमंत्रित करने के निर्देश दिए गए थे।

जानकारों के मुताबिक निर्देश में बर्ष 2020-21 में परीक्षा मूल्यांकन और परीक्षा फल तैयार करने संबंधित कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। तथा 30 अप्रैल 2022 तक परीक्षा मूल्यांकन के साथ परीक्षा फल तैयार करने के सारे काम संपादित कर लिए जाएंगे। वही शैक्षणिक सत्र 2021-22 में आमंत्रित किए गए अतिथि शिक्षक की सेवाएं सिर्फ 30 अप्रैल 2022 तक ली जा सकेगी।

हालांकि अब इस मामले में अतिथि शिक्षक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। अतिथि शिक्षकों कहना है कि शिवराज सरकार के वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार की तर्ज पर कार्य करना चाहिए। जिसके बाद कम से कम 12 माह का सेवाकाल करते हुए अतिथि शिक्षकों के भविष्य सुरक्षित करने पर विचार करना चाहिए। साभार :मिडिया रिपोर्ट