अंधाधुंध फायरिंग के चलते SI सहित 2 आरक्षकों की जगह पर मौत …

प्रदेश में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए है की बे अब पुलिस को भी आपना निशाना बनाने से बाज नही आ रहे है ! प्रगतिशील और बुधिजीबियों का मानना है की ये सब राजनेताओ के आपराधियों के संरक्षण के चलते हो रहा है ! इसमे पुलिस की भी महती भूमिका है ! अब ये अपराधी तंत्र को भी कुचलने पर आमादा हो गये है ! ऐसा ही कुछ आज पहटिया लगभग तीन बजे सुबह पुलिस को खबर मिली की कुछ अज्ञात लोगो द्वारा शिकार किया जा रहा है ! मौके पर जैसे ही पुलिस पहुंची शिकारियों ने पुलिस पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई । इससे पहले पुलिस कुछ समझ पाती शिकारियों की फायरिंग से दो आरक्षक सहित सब इंस्पेक्टर की मौत हो गई । जानकार बताते है की अंधाधुंध फायरिंग के बीच पुलिस वाहन के ड्राइवर को भी गोली लगी है….

जानकारों के मुताबिक़ मामला गुना के सहरोक और मौनबाड़ा के बीच स्थित जंगल में शिकारियों को पकड़ने पहुंची पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। इस वारदात में एक सब इंस्पेक्टर और 2 आरक्षकों की मौत हो गई।

वहीं पुलिस वाहन का ड्राइवर भी गोली लगने से घायल हुआ। शेष बचे पुलिस दल ने मुश्किल से शिकारियों से अपनी जान बचाई। यह वारदात शुक्रवार-शनिवार रात 2.45 बजे की बताई जा रही है।

आरोन पुलिस को सूचना मिली थी कि सहरोक और मौनबाड़ा के जंगल में शिकारी सक्रिय हैं। इसके बाद थाने से पुलिस वाहन से बल रवाना किया गया। जिसमें एक सब इंस्पेक्टर सहित जवान जंगल की तरफ रवाना हुए।

जैसे ही जंगल में पुलिस पहुंची तो उनके वाहन की आवाज सुनकर शिकारी सावधान हो गए और उन्होंने अपना मौका संभाल लिया। पुलिस का सामाना होते ही शिकारियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी।

जिसमें सब इंस्पेक्टर राजकुमार जाटव, आरक्षक नीरज भार्गव और संतराम मीना को गोलियां लगी। जिससें तीनों की मौके पर मौत हो गई। वहीं पुलिस वाहन के ड्राइवर को भी गोली लगी, जिसे उपचार के लिए गुना अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस सूचना पर एसपी राजीव कुमार मिश्रा तत्काल मौके पर पहुंचे। मृतकों के शव को आरोन अस्पताल लाया गया। वहीं शिकारी जंगल से भाग निकले, जिनकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और वे जगह जगह छापेमारी कर जल्द ही अपराधियों को धर दबोचने की रणनीति पर काम कर रही है !