प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दमोह में कहा कि जयंत मलैया के बिना दमोह अधूरा है। इशारों ही इशारों में मुख्यमंत्री ने जयंत मलैया के सक्रिय राजनीति में आने के संकेत दिए। शिवराज ने कहा अपने समय में शशि कपूर से कम नहीं दिखते थे जयंत मलैया। ऐसा व्यक्तित्व जो सबके मन को जीत ले जयंत मलैया के अलावा कोई नहीं हो सकता। जब भी मुझे कोई महत्वपूर्ण और गंभीर काम किसी को देना होता था तो मेरे दिमाग में सिर्फ जयंत मलैया का नाम ही आता था। उन्होंने कहा कोई ये न समझे कि ये रिटायरमेंट का कार्यक्रम है….
लेकिन मैंने प्रदेश के नेताओं से कहा था कि यह बहुत गलत हुआ है। जयंत मलैया जैसे नेताओं को तैयार होने में दशकों लग जाते हैं, तपस्या करनी पड़ती है, तब जाकर जयंत मलैया जैसे लोग तैयार होते हैं। उन्होंने कहा कि मैं नाखुश था, इसलिए मैंने प्रदेश से लेकर दिल्ली तक इस बात की शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि व्यक्ति भूल कर सकता है, इसलिए पार्टी भी भूल कर सकती है और इसलिए मैं भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री होने के नाते आप से दोनों हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।
ज्ञात हो कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राहुल सिंह ने पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया को हराया था। इसके बाद जब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ तो कांग्रेस विधायकों के इस्तीफ के बाद दमोह के कांग्रेस विधायक राहुल सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें दमोह से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया और 2021 में दमोह में उपचुनाव हुआ। उस दौरान जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया ने भी
भाजपा से टिकट के लिए प्रयास किए थे, दमोह में मेडिकल खोलने के मुद्दे पर राहुल सिंह ने कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा दिया था। इसलिए राहुल सिंह को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया था और इस उपचुनाव में राहुल सिंह कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन से चुनाव हार गए। चुनाव परिणाम आने के बाद ही राहुल सिंह ने पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया और उनके परिवार को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया था। पार्टी के नेताओं के पास शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद प्रदेश संगठन ने जयंत मलैया को नोटिस जारी किया था और उस नोटिस का जवाब भी पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने दिया था और अमृत महोत्सव कार्यक्रम में कैलाश विजयवर्गीय ने उसी नोटिस के बारे में बताया।