गमछे में सूखी रोटी और प्याज लेकर घर पहुँचने की आस में औरंगाबाद से पैदल-पैदल रेलवे पटरी के सहारे मध्य प्रदेश के लिए निकले मजदूर थक हार कर सोये और गहरी नींद में पहुँच गए परलोक ट्रेन के नीचे आकर बेमौत मारे गए. 16 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 5 मजदूर गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं….दो रोटी कमाने के लिए परदेस गए मजदूरों ने सड़कों पर पुलिस के डंडों से बचने के लिए रेलवे की पटरी के सहारे महाराष्ट्र के औरंगाबाद से मध्य प्रदेश तक का सफर पैदल तय करने का फैसला किया और फिर निकल पड़े. रास्ते में चलते-चलते 35 किलोमीटर के बाद थक गए तो पटरी पर ही सो गए. नींद इतनी गहरी आई कि ट्रेन आने का पता ही नहीं चला और ये सफर उनकी जिंदगी का आखिरी सफर साबित हुआ. उसी पटरी पर तेज रफ्तार रेलगाड़ी ने 16 मजदूरों को टुकड़े टुकड़े कर दिया जिससे उनकी वहीं दर्दनाक मौत हो गई. सभी मजदूर मध्य प्रदेश के बताए जा रहे हैं.
घर पहुंचने की आस लिए औरंगाबाद से घर वापसी के लिए निकले ये प्रवासी मजदूर रेलवे ट्रैक पर करीब 35 किलोमीटर चलने के बाद थकान से चूर उसी पटरी पर सो गए. थकान से गहरी नींद सोए और आज सुबह करीब सवा पांच बजे ट्रैक पर दनदनाती हुई मालगाड़ी आई और सबको मौत की नींद में ही परलोक पहुंचा दिया . पटरी पर चारों तरफ सिर्फ खून ही खून और मजदूरों का फैला सामान , कच्ची प्याज और कुछ सूखी हुई रोटियां जिन्हें रास्ते में खाने के लिए रखा होगा ? कुछ 100-50 के फटे हुए नोट जो खून में भीग गए हैं. रेल मंत्रालय के मुताबिक मजदूरों को ट्रैक पर देखकर लोको पायलट ने ट्रेन को रोकने की कोशिश भी की लेकिन वो हो नहीं सका. इस हादसे में पांच मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है.