लोगों को लुभा रहा है प्राकृतिक केले का स्वाद ..

समन्वित कृषि प्रणाली अतर्गत 6 एकड की प्राकृतिक खेती से 10 लाख का शुद्ध मुनाफा,छिंदवाडा केले के नाम से जबलपुर मंडी में हाथो हाथ बिक रहा प्राकृतिक केला….

जिले के हर्रई विकास खण्ड के ग्राम भुमका के प्राकृतिक खेती करने वाले कृषक पूरनलाल इनवाती द्वारा समन्वित कृषि प्रणाली अपनाते हुए प्राकृतिक पद्धति से एक एकड में की जा रही केले की खेती, शेष जमीन मे मक्का, टमाटर, बैगन एवं फलदार पौधे आम, कटहल, आंवला, सेव, एप्पल बेर, संतरा, काजू के पौधे लगाये गये। उसके साथ ही पषुपालन, बकरी पालन एवं मछली पालन इकाई स्थापित कर समन्वित खेती लोगों के लिए प्रेरणा का सवब बन गई है ! 

पिछले दिनों इस अभिनाब प्रयोग को निहारने जिला कलेक्टर  शीलेेन्द्र सिंह अपने दल बल के साथ  जिसमे उनके साथ उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह, उद्यानिकी महाविद्यालय के डीन एवं सह संचालक ऑचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र चंदनगांव डॉ. आर.सी. शर्मा,  उप संचालक उद्यानिकी  एम.एल. उइके थे ! इस तरह की जा रही आधुनिक तरीके से की जा रही खेती को सभी ने मुक्त -कंठ से किसान भाई पूरनलाल इनवाती   की जमकर सराहना की !

इस अवसर पर जिला कलेक्टर शीलेेन्द्र सिंह ने एक पेड मॉ के नाम अभियान अंतर्गत लौग के पौधे का रोपण किया गया एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्मित खेत तालाब में मछली पालन हेतु आत्मा परियोजना के माध्यम से मछली का बीज कलेक्टर महोदय के हस्ते तालाब मे छोडा गया एवं मुर्गी पालन (कडकनाथ) यूनिट का अवलोकन किया गया

कलेक्टर शीलेेन्द्र सिंह ने पूरनलाल इनवाती द्वारा की जा रही समन्वित खेती को अन्य किसानों को दिखाकर हर्रई क्षेत्र मे एक उत्कृष्ठ मॉडल के रूप मे बताते हुए क्षेत्र के अधिक से अधिक किसानों का क्लस्टर बनाते हुए समन्वित खेती करने हेतु प्रोत्साहित करने की बात कही एवं संबंधित विभागों को किसानों की सभी आवष्यकताओ को ध्यान मे रखते हुए विभागीय योजना से लाभ देने हेतु निर्देषित किया गया, जिससे क्षेत्र के अन्य किसान भी समन्वित खेती अपना कर अच्छा लाभ अर्जित कर सकेगे। वहॉ उपस्थित क्षेत्र के किसानों से चर्चा कर उन्हें भी समन्वित खेती कर अपनी आय बढाने हेतु कलेक्टर महोदय द्वारा समझाइष दी गई।

किसान श्री पूरनलाल इनवाती द्वारा ड्रिप पद्धति एवं फसल अवषेष प्रबंधन कर पूर्णतः प्राकृतिक रूप से केले की टिष्यू कल्चर के द्वारा तैयार किस्म जी-9 लगाई गई हैं। साथ ही फसल अवषेष प्रबंधन करके मिटटी की गुणवत्ता को सुधारा जा रहा हैं। इनके द्वारा पिछले वर्ष आधा एकड में केले की प्राकृतिक खेती कर दो लाख सात हजार रूपये का शुद्ध मुनाफा किसान द्वारा प्राप्त किया गया था। इस वर्ष एक एकड से चार से पांच लाख रूपये का शुद्ध मुनाफा प्राप्त होना बताया गया। एक एकड मे 800 पौधे लगाये है, प्रति पौधा औसतन 45 किग्रा. फल प्राप्त हो रहे है, जिसे किसान द्वारा जबलपुर मंडी में औसतन 25 रूपये प्रति किलो के भाव से विक्रय किया जा रहा हैं।

किसान द्वारा बताया गया कि हमारा प्राकृतिक केला जबलपुर मंडी में छिंदवाडा के केले के नाम से प्रसिद्ध है एवं व्यापारियों / अढातियों द्वारा हाथो हाथ उचित दाम देकर खरीद लिया जाता हैं। सामान्यतः जहॉ केले के भाव 15 से 18 रूपये प्रति किलो की दर से मंडी मे खरीदी होती है, वही हमारा प्राकृतिक केला 25 रूपये प्रति किलो की दर से हाथो हाथ बिक रहा है। इस प्रकार श्री पूरनलाल इनवाती द्वारा कुल लगभग 6 एकड जमीन से वर्ष में लगभग 10 लाख रूपये का शुद्ध लाभ प्राप्त किया जा रहा हैं। इससे प्रेरणा लेकर जिले के अन्य किसान भाई भी प्राकृतिक खेती को अपनाकर एवं समन्वित खेती कर अपनी आय बढा सकते हैं।