हड़ताल : प्रदेश के 7 सरकारी और 13 प्राइवेट आयुर्वेदिक कॉलेज शामिल ..

प्रदेश में अगले साल होने बाले विधानसभा चुनावों और फिर लोकसभा चुनावों की तैयारियों में प्रदेश सरकार जुट गई है ! इसी के चलते अब प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारी संगठनो ने भी मौके को भांप कर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल में जाने का मन बना लिया है या बना रहे है !  ताकि आसन्न चुनावो को देखते सरकार उनकी मांगो को मान ले !ऐसा ही कुछ अब प्रदेश में दिखाई पड़ने लगा है या आगामी दिनों में इस बात का अहसास सरकार और जनता को भी प्रतीत होने लगेगा ..

प्रदेश में एक बार फिर हड़तालों की बयार शुरू हो गई है , जो आने बाले समय में और भी गतिशील होती नजर आएगी ? आगामी 24 फरवरी को आयुर्वेद जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जाने वाले है। इस हड़ताल में प्रदेश के 7 सरकारी और 13 प्राइवेट आयुर्वेदिक कॉलेज शामिल होंगे। जूडा ने आयुष विभाग  के अफसरों, मप्र मेड़िकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर प्रबंधन और सरकार पर भेदभाव के आरोप लगाए।वही उन्होंने जबलपुर की मेडिकल यूनिविर्सिटी से अलग एक आयुष विश्वविद्यालय का गठन और आयुष औषधालय खोलने समेत कई मांगे रखी है।

कल राजधानी में भोपाल, इंदौर, जबलपुर सहित प्रदेश के दूसरे आयुर्वेदिक कॉलेजों के आयुर्वेद चिकित्सा छात्रों ने एक पत्रकार वार्ता कर आरोप लगाया है कि डॉक्टर होने के बावजूद उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है, उन्होंने मध्य प्रदेश के आयुष विभाग के अफसरों, मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर प्रबंधन और सरकार पर भेदभाव के आरोप लगाए और सुनवाई ना करने की बात कही है। इसी के चलते वे अब 24 फरवरी से काम बंद हड़ताल करेंगे। इसके पहले अपने कॉलेजों में दो दिन सफाई और गांधीगिरी करेंगे।

आयुर्वेद जूडा का आरोप है कि प्रदेश में 7000 से अधिक आयुर्वेद के स्टूडेंट्स है। अन्य राज्यों में हर 2-3 साल में पीएससी के जरिए भर्तियां की जातीं हैं लेकिन प्रदेश में 8-10 साल बाद भर्ती निकलती हैं। बुरहानपुर आयुर्वेदिक कॉलेज में सिर्फ 2-3 पुराने टीचर है, अधिकतर टीचरों ने भोपाल, इंदौर, जबलपुर आदि जिलों में अपना ट्रांसफर करा लिया है, जिससे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।2013 में जनसंकल्प योजना के अंतर्गग 1000 आयुष औषधालय खोलने की घोषणा की गई थी, लेकिन अबतक सिर्फ 150 खोले गए है।

 मांगे :-  स्टाइपेंड के साथ जबलपुर की जगह आयुष की शाखा भोपाल में स्थानांतरित की जाए।

लोक सेवा आयोग द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी की भर्ती प्रतिवर्ष निकाली जाए ।

वर्ष में आयोजित की जाने वाली इस परीक्षा से संविदा कर्मियों को दिए जाने वाला 15 प्रतिशत अंक को हटाया जाए। जन संकल्प 2013 में घोषित 1000 आयुष औषधालय को शीघ्र खोला जाए ।

आयुर्वेदिक छात्रों को भी सशर्त चिकित्सा का अधिकार मिले। छात्रों का कहना है कि, उनकी मांगे नहीं मानी गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।  फाईल फोटो , मिडिया रिपोर्ट