सेंट्रल विस्टा हो या कुछ और यह मत सोचो हम कुछ नहीं जानते : सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि आदेश के तहत दिल्ली में निर्माण कार्य बंद हैं, लेकिन इसके बावजूद सेंट्रल विस्टा का काम जारी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा है कि वह केंद्र से पूछेगा कि क्या सेंट्रल विस्टा का काम जारी रखने से दिल्ली में वायु प्रदूषण नहीं बढ़ रहा है। उन्होंने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किया कि प्रदूषण रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, चाहें वह सेंट्रल विस्टा हो या कुछ और यह मत सोचो हम कुछ नहीं जानते। ध्यान भटकाने के लिए दूसरे मुद्दे मत उठाओ। आपको जवाब देना ही होगा

कोर्ट ने इस दौरान पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि वह सीधा-सीधा जवाब दें, हमें पोस्टऑफिस न समझें और न ही उस तरह व्यवहार करें। दरअसल, कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र के हलफनामे के जवाब में पंजाब सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पराली जलाने के अलावा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। धान परिवहन के मुद्दे पर बैठक हुई है। कई राज्य इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं। आगे कहा कि हमें केंद्र के साथ हाथ मिलाकर काम करने की जरूरत है। आप केंद्र को निर्देश दें कि हमारा सहयोग करे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें पोस्टऑफिस न समझो, सीधे-सीधे केंद्र के हलफनामे का जवाब दें।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार को भी निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में पौधारोपण के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाने की जरूरत है। दिल्ली सरकार एक कार्ययोजना तैयार कर हमें उसकी रिपेार्ट प्रस्तुत करे। इसके लिए कोर्ट ने सरकार को 12 सप्ताह का समय दिया है। इसके अलावा दिल्ली मेट्रो रेल परियोजना के चौथे चरण के लिए पेड़ों को काटने के लिए मुख्य वन संरक्षक से अनुमित लेने के निर्देश भी दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सरकार से प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों और उनके अनुपालन की रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा कि आयोग द्वारा जो भी निर्देश दिए गए हैं, उनका पालन हुआ है कि नहीं इस पर विस्तृत रिपोर्ट वह पेश करे। इसके अलावा कोर्ट ने केंद्र से भी पूछा है कि कौन सा राज्य निर्देशों का पालन नहीं कर रहा है, उसका नाम बताएं। कोर्ट अब इस मामले में दो दिसंबर को सुनवाई करेगा।