भाजपा सरकार में कैबिनेट की मंजूरी के बिना कानून बनते और निरस्त…

कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस के साथ साथ सभी विपक्षी धमो ने मोदी सरकार पर हमला बोला है और उसे मजबूरी में लिया गया फैसला निरुपित किया जा रहा है ! वहीं उनका कहना है की भाजपा सत्ता में काबिज रहने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है ! कांग्रेस नेता पी चिदंबरम का यह बयान पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद आया है। बिना कैबिनेट की मंजूरी के सिर्फ भाजपा सरकार में कानून बनते और निरस्त होते हैं।

पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर कथित तौर पर बिना कैबिनेट मंजूरी के कृषि कानूनों को रद्द करने के फैसले को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। चिदंबरम ने केंद्र पर आरोप लगाया कि सिर्फ भाजपा की सरकार में कैबिनेट की मंजूरी के बिना कानून बनाए और निरस्त किए जाते हैं। तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद चिदंबरम का बयान सामने आया है।

दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का एलान किया था। साथ ही संसद के आगामी सत्र में संवैधानिक प्रक्रिया के तहत इसे खत्म करने की बात कही थी।

चिदंबरम ने केंद्रीय गृहमंत्री, रक्षा मंत्री और भाजपा अध्यक्ष पर भी निशाना साधाते हुए ट्वीट किया। कांग्रेस नेता चिदंबरम ने कहा ”गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री की घोषणा को एक राजनेता की तरह उठाया गया साहसिक कदम  बताकर सराहना की। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों के कल्याण को ध्यान में रखकर फैसला किया है।” भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री को किसानों की बहुत फिक्र है। आखिर  15 महीनों से आप लोगों ने इसकी सलाह क्यों नहीं दी। चिदंबरम ने सवाल उठाया कि क्या आप लोगों ने इसका संज्ञान लिया कि प्रधानमंत्री ने कैबिनेट की बैठक के बिना ही यह घोषणा की?

शुक्रवार को पीएम द्वारा कृषि कानूनों को रद्द करने के फैसले के बाद पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने सरकार पर हमला बोला। चिदंबरम ने ट्वीट किया, यह चुनाव के डर से फैसला लिया गया है, उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री की ओर से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करना नीति में बदलाव और हृदय परिवर्तन से प्रेरित नहीं है” बहरहाल, यह किसानों के लिए बड़ी जीत है और कांग्रेस पार्टी के लिए भी जीत है जो इन कानूनों का पुरजोर विरोध कर रही थी।