फूल मालाओं के लिए तरसे महापुरुष….

फूल मालाओं के लिए तरसे महापुरुष ,राष्ट्रिय पर्व पर महापुरुषों का अपमान , अजाक्स रणनीति बनाने में जुटा ,शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य आर के पांडे का एक और विवादास्पद मामला , घटना को अंजाम देने के बाद प्रभारी प्राचार्य घबराहट में 10 दिनों की छुट्टी पर निकल लिए ………….शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज खिरसाडोह छिंदवाड़ा के प्राचार्य अपनी विवादास्पद कार्यशैली के चलते लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं और वह शायद यही चाहते हैं कि उनकी यह विवादास्पद वाली छवि बरकरार रहे ? बीते दिनों उन्होंने एक ऐसे सुनियोजित विवादास्पद कारनामे को अंजाम दिया ! उनका यह कृत्य जानबूझ कर था या अनजाने में यह तो प्राचार्य ही बता सकते है ! जिसके चलते कर्मचारियों में असंतोष तो है ही और इसकी गूंज जिला प्रशासन मुख्यालय तक भी पहुंच गई ! सूत्र बताते है कि मामले को बिगड़ते देख घबराहट में प्रभारी प्राचार्य आर के पांडे 10 दिनों की छुट्टी पर निकल लिए …………….

सूत्रों के मुताबिक़ 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज खिरसाडोह छिंदवाड़ा में भी झंडा वंदन का कार्यक्रम हुआ ! इस अवसर पर कालेज प्रबंधन द्वारा महापुरुषों की चित्रों जिसमे सिर्फ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, मां सरस्वती के चित्र रखे गए ! जबकि कालेज प्रबंधन मैं यह परंपरा है कि राष्ट्रीय पर्व पर मां सरस्वती , राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और आजादी के आंदोलन में शरीक हुए महापुरुषों के अलावा संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर जी के चित्र पर माल्यार्पण कर झंडा वंदन किया जाता है ! परंतु इस वर्ष सिर्फ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, मां सरस्वती के चित्र रखे गए और पुष्प माला भी मात्र दो ही बुलाई गई ! झंडा वंदन के समय कालेज प्रबंधन और समस्त स्टाफ मौजूद था तब अचानक लोगों का ध्यान गया कि राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर का चित्र ना होना कॉलेज परंपरा के विरुद्ध कृत्य है जिसका कड़ा विरोध स्टाफ द्वार प्रभारी प्रचार आर के पांडे को किया गया !
कर्मचारियों और व्याख्याताओं की नाराजगी को देख तत्काल संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर का चित्र बुलवाया गया ,परंतु पुष्प मालाएं मात्र दो होने पर उसकी व्यवस्था कैसे की जाए ? ऐसे में प्रभारी प्राचार्य आर के पांडे ने महात्मा गांधी के चित्र पर पहनाई गई माला को ही खेचतान कर बाबा साहब अंबेडकर के चित्र पर पहना दी परंतु उससे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पुष्प माला से बंचित हो गई ! किसी तरह यह कार्यक्रम संपन्न तो हो गया परन्तु इससे प्रभारी प्राचार्य की मंशा प्रदर्शित होती है की इनके दिल में महापुरुषों के प्रति सम्मान नहीं है और यह जानबूझकर इस तरह का कृत्य करते हैं जिससे विवाद खुद-ब-खुद जन्म ले ?
शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में हुए इस घटनाक्रम की जानकारी जैसे ही अजाक्स जैसे संगठनों को लगने पर उनके नेताओं में प्रभारी प्राचार्य आर के पांडे के प्रति बढ़ा आक्रोश है और वे इस बात का इन्तजार कर रहे है की जिला प्रशासन प्रभारी प्राचार्य के इस विवादास्पद कृत्य पर क्या संज्ञान लेता है ?उसके बाद ही अजाक्स अपनी रणनीति के तहत विरोध को अमली जामा पहनाने की तैयारी कर रहा है !अब देखने बाली बात यह है की यह मामला भविष्य में क्या गुल खिलाता है परन्तु अभी तो महापुरुष चंद गुलो (पुष्प) को तरस गए ?