प्रदेश में 35 हजार महिला व 12 हजार पुरूष सेक्स वर्कर ..

सबसे ज्यादा इंदौर में 2513 में और इसके बाद छिंदवाड़ा में 2464 महिला सेक्स वर्कर( FSW) है वहीं पुरुषों MSM (Men who have Sex with Men) में भी इंदौर 1570 के आंकड़े के साथ प्रथम और छिन्द्वाडा 369 आंकड़े के साथ 11 स्थान पर है ..

प्रदेश सरकार चाहे अपनी पीठ कितनी ही थपथपा ले परन्तु एक गैर सरकारी संगठन के शोध में जो खुलासे हुए हैं वह चिंतनीय हैं। शोध से पता चला है कि इंदौर में प्रदेश भर में सबसे ज्यादा वुमन सेक्स वर्कर हैं तो दुसरे नंबर पर छिन्दवाडा  जिले का नाम आता है

मप्र में हाई रिस्क ग्रुप में करीब 12 हजार MSM (Men who have Sex with Men) रिकॉर्ड में हैं। सबसे ज्यादा 1570 इंदौर जिले में दर्ज हैं। ग्वालियर में 849, जबलपुर में 795, भोपाल में 766, सागर में 739, होशंगाबाद में 582, मुरैना में 580, टीकमगढ़ में 472, रायसेन में 446, उज्जैन में 397, छिंदवाड़ा में 369, छतरपुर में 317, मंदसौर में 311, धार में 271, रतलाम में 268, बैतूल में 255, सतना में 239, शिवपुरी में 222, बड़वानी में 215, खरगोन में 208, पन्ना में 206, देवास में 193, झाबुआ में 169, कटनी में 155, शाजापुर में 150, अलीराजपुर में 144, बालाघाट में 127, खंडवा में 116, हरदा में 101, बुरहानपुर में 99, दतिया में 99, सीहोर में 81, सिवनी में 50, आगर-मालवा में 8 और सीधी में 2 लोग MSM कैटेगरी के रिकॉर्ड में हैं।

फीमेल सेक्स वर्कर्स (FSW) के मामले में भी इंदौर पहले नंबर पर है। प्रदेश में करीब 35 हजार फीमेल सेक्स वर्कर्स की जानकारी एड्स कंट्रोल सोसाइटी के पास दर्ज है। सबसे ज्यादा FSW इंदौर में 2513 में हैं। इसके बाद छिंदवाड़ा में 2464, सागर में 1543, रायसेन में 1441, भोपाल में 1374, पन्ना में 1321, बालाघाट में 1228, शिवपुरी 1218, छतरपुर में 1012, धार में 956, रीवा में 926, ग्वालियर में 898, बैतूल में 841, सिंगरौली में 798, झाबुआ में 791, उज्जैन में 772, खरगोन में 769, देवास में 455, सतना में 721, नीमच में 726, रतलाम में 698, जबलपुर में 686, मंडला में 645, मंदसौर में 637, श्योपुर में 634, दतिया में 632, बुरहानपुर में 622, अलीराजपुर में 600, बड़वानी 585, मुरैना में 582, निवाड़ी में 569, शाजापुर में 530, गुना 509, होशंगाबाद में 505, शहडोल में 478, कटनी में 471, नरसिंहपुर में 416, सीहोर में 400, सीधी में 341, अशोकनगर में 270, खंडवा में 179, टीकमगढ़ में 161, हरदा में 29, आगर मालवा में 28, अनूपपुर में 13, उमरिया में 11 और दमोह जिले में 3 फीमेल सेक्स वर्कर हैं।

मध्यप्रदेश में इंदौर HIV और एड्स के हाई रिस्क ग्रुप में पहले नंबर पर है। यानी यहां खतरा ज्यादा है। दूसरे शहरों के मुकाबले इंदौर में फीमेल सेक्स वर्कर तो ज्यादा हैं ही, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यहां GAY (पुरुषों से संबंध बनाने वाले पुरुष) भी ज्यादा हैं। GAY के मामलों में ग्वालियर दूसरे, जबलपुर तीसरे और भोपाल चौथे नंबर पर है। यह रिपोर्ट मध्यप्रदेश एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने जारी की है।

सोसाइटी प्रदेश में हाई रिस्क ग्रुप के 55 हजार लोगों में HIV और एड्स की रोकथाम के लिए गैर सरकारी संस्थाओं के जरिए काम कर रही है। सोसाइटी हाई रिस्क कैटेगरी वाले लोगों को जागरूक करती है। HIV स्क्रीनिंग कराने का काम भी करती है। जिनमें HIV की पुष्टि होती है, उनका इलाज कराया जाता है। HIV पॉजिटिव पेशेंट्स के सेक्स पार्टनर और बच्चों की भी HIV स्क्रीनिंग कराई जाती है, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके।

रिपोर्ट के मुताबिक, जो मेल एक-दूसरे से संबंध बनाते हैं, उन्हें रिसर्च की भाषा में MSM (Men who have Sex with Men) कहा जाता है। इनमें अधिकांश आपसी सहमति से संबंध बनाते हैं। कई तो ऐसे हैं, जिनके बच्चे और भरा-पूरा परिवार भी है।

एड्स कंट्रोल प्रोग्राम से जुड़े गैर सरकारी संगठन के वॉलंटियर ने बताया कि आमतौर पर हमारे समाज में सेक्स जैसे मुद्दे पर बात नहीं होती। फिर सेक्स वर्कर्स या एक से अधिक सेक्स पार्टनर वाले लोगों की जानकारी जुटाना चुनौती भरा काम होता है। इसके लिए स्टेक होल्डर्स की मदद ली जाती है। स्टेक होल्डर्स में ऐसे लोगों से संपर्क बढ़ाया जाता है जो गांव, मोहल्ले में लोगों की जानकारी रखते हैं। कई बार छोटे किराना, जनरल स्टोर, सैलून ऑनर ऐसे लोगों की जानकारी देने में अहम भूमिका निभाते हैं। फिर एक से अधिक पार्टनर वाले व्यक्ति से मुलाकात कर उसकी काउंसिलिंग की जाती है। कई बार मिलने पर ही वह अपनी निजी जिंदगी के बारे में जानकारी शेयर करते हैं, फिर उन्हें HIV स्क्रीनिंग के लिए तैयार किया जाता है। एक एरिया में काम कर रही संस्था अपने क्षेत्र में सेक्स वर्कर, GAY की लिस्ट तैयार करती है। इससे उनकी HIV स्क्रीनिंग और फॉलोअप किया जाता है।

मध्य प्रदेश एड्स सोसाइटी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश के बदनाम बाजार में 47000 वर्कर्स काम कर रहे हैं। इनमें से 35000 लड़कियां हैं जबकि 12000 लड़के। यह आंकड़ा काफी बड़ा हो गया है और सरकार के लिए चिंता का विषय होना चाहिए।                                                                                                                     khabardwar खबर की फिलहाल पुष्टी नही करता है ! साभार: मिडिया रिपोर्ट