दुष्कर्मी पिता को आजीवन कारावास ..

पिता ने बेटी और पिता के पवित्र रिश्ते को दागदार करने का काम किया ! हवस की आग में अंधे हुए इस घाटिया आदमी ने समाज की व्यवस्थाओं को नुक्सान नहीं पहुंचाया बल्कि संबंधों की पवित्रता के साथ भी खिलवाड़ करने का काम किया ! उसके पाप की सजा उसे आजीवन कारावास के रूप में भुगतनी पड़ेगी ….

घटना छिंदवाडा जिले की उमरेठ तहसील में एक सौतेले पिता ने नाबालिग बेटी से दुराचार जैसे जघन्य अपराध करने वाले अपराधी को विशेष न्यायाधीश संध्या मनोज श्रीवास्तव ने आजीवन कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है। यह आजीवन कारावास शेष जीवन प्रकृत काल तक का होगा।

झाड़-फूंक के बहाने ले गया था :- विशेष लोक अभियोजक दिनेश उईके ने बताया कि 24 सितम्बर 2020 को 12 वर्षीय बालिका को उसका सौतेला पिता झाड़-फूंक के बहाने मंदिर ले गया था। इस दौरान बच्ची के साथ परिवार के अन्य सदस्य भी थे। लेकिन, आरोपी ने आधे रास्ते से ही परिवार के सभी सदस्यों को घर वापस दिया। इसके बाद पीड़िता को खेत में ले जाकर उसके साथ दुराचार किया।

इसके बाद किसी तरह आरोपी के चुंगल से छूटकर बालिका एक मकान में जा छिपी थी। यहां से डायल 100 की मदद से वह परिवार के सदस्यों तक पहुंची। पीड़िता ने सौतेले पिता के खिलाफ उमरेठ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।

इस मामले में विशेष न्यायाधीश संध्या मनोज श्रीवास्तव ने आरोपी सौतेले पिता को दोषी करार देते हुए पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में आजीवन कारावास से दंडित किया। इस तरह के फैसले से लोग ऐसा करने से बाज आयेंगे तभी हम सभ्य समाज की परिकल्पना कर सकते है