खराब व पुरानी बसों में मोबाइल आइसोलेशन वार्ड..

भोपाल में कोविड-19 से लड़ने के लिए अब खराब हो चुकी पुरानी बसों का इस्तेमाल किया जा रहा है। दरअसल, भोपाल में अब लो-फ्लोर बसों में मोबाइल आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं। यह काम नगर निगम और सार्थक संस्था की तरफ से किया जा रहा है। इन वार्डों को इसलिए बनाया जा रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर इन्हें एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सके..

इस पूरे मामले पर नगर निगम कमिश्नर बी विजय दत्ता ने कहा है कि इन आइसोलेशन वार्डों को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत तैयार किया जाएगा। मौजूदा समय में यहां डिपो में 36 कबाड़ बसें खड़ी हैं। इनमें से 22 बसों पर काम शुरू कर दिया गया है। इन बसों में अभी सीटों को हटाया जा रहा है, जो जल्द ही पूरा हो जाएगा।  

वहीं, दूसरी तरफ कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए फुल बॉडी सेनेटाइजेशन मशीन तैयार की गई है। इस मशीन को नगर निगम के इंजीनियर एक दिन में 30 हजार की लागत से तैयार किया है। आमतौर पर इस मशीन को तैयार करने में दो लाख रुपये लगते हैं। सेनेटाइजेशन मशीन की मदद से कोरोना वॉर रूम को संक्रमण से मुक्त रखने में मदद मिल सकेगी।फुल बॉडी सेनेटाइजेशन मशीन को उपायुक्त विनोद कुमार शुक्ल और सहायक यंत्री श्री हबीब उर रहमान की टीम द्वारा निजी कंपनी के सहयोग से तैयार किया गया है। खास बात यह है कि इसे भोपाल में ही बनाया गया है। 
इस मशीन को स्मार्ट सिटी कार्यालय के मुख्य द्वार पर स्थापित कराया गया है। स्मार्ट सिटी कार्यालय में कार्यरत हर अधिकारी और कर्मचारी को इस मशीन के भीतर से गुजर कर ही कार्यालय में प्रवेश दिया जा रहा है। अब यहां अधिकारी और कर्मचारी भयमुक्त होकर काम कर रहे हैं।