कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सईद अहमद बसपा में शामिल ..

चुनावों के संत अपनी महत्वकांक्षाओ के पूरा ना होने पर लगभग सभी राजनैतिक डालो में ” आया राम , गया राम “का सिलसिला तेज हो जाता है ! ये सिलसिला प्रमुख राजनैतिक दलो में ज्यादा ही देखने और सुनने को मिलता है ! बीते पञ्च बर्षो से कांग्रेस पार्टी में ये सिलसिला निरंतर जारी है बहुत से विधायक और अपने अपने क्षेत्र के कद्दावर नेता कांग्रेस पार्टी दामन छोड़ भाजपा व अन्य दलों में शरणागत हो गये है ! इसी तारतम्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री सईद अहमद ने पार्टी की नीतियों से असंतुष्ट होकर कांग्रेस पार्टी को छोड़ बहुजन समाज पार्टी का दमन थम लिया है  ….

टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस में असंतोष उबाल पर है। सतना में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री सईद अहमद ने राजस्थान के नव संकल्प शिविर में लिए गए ‘एक व्यक्ति एक पद ‘ के फैसले पर अमल न होने का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी है।

उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया है। इसी तरह वरिष्ठ नेता गेंदालाल भी कांग्रेस छोड़कर बसपा में लौट गए हैं। सतना में कांग्रेस और भाजपा दोनों में ही टिकट वितरण को लेकर असंतोष है।

सईद अहमद और गेंदालाल इससे पहले भी आयोजित कांग्रेस की कार्यकर्ता बैठक से दूर रहे थे। कांग्रेस ने सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है, जिसे लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता नाराज बताए जा रहे हैं। बीते दिनों कार्यकर्ता सम्मेलन में गिने-चुने नेता ही पहुंचे थे। सिद्धार्थ के अलावा कल्पना वर्मा, जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्रा, शहर अध्यक्ष मकसूद अहमद, उर्मिला त्रिपाठी व विधायक के करीबी नेता ही सम्मेलन में थे।

कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व मंत्री सईद अहमद और गेंदालाल भाई पटेल ने बैठक से दूरी बनाई थी। सिद्धार्थ कुशवाहा 18 जून को नामांकन दाखिल करने वाले हैं। इससे पहले सईद अहमद और गेंदालाल भाई की नाराजगी ने कांग्रेस के लिए संकट खड़ा कर दिया है। अब देखना यह होगा की उनकी ये बगावत भविष्य में क्या गुल खिलाती है ? मिडिया रिपोर्ट 

सईद अहमद ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि राजस्थान में आयोजित नव संकल्प शिविर में एक व्यक्ति एक पद का नियम पारित हुआ था। लेकिन मप्र में यह नियम लागू नहीं किया गया। अतः आहत होकर कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं।

तीन दिन पहले ही पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष व कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के जिलाध्यक्ष गेंदलाल पटेल ने सतना में महापौर पद के लिए विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को प्रत्याशी बनाए जाने पर नाराजगी जताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। गेंदलाल ने भी कहा था कि कांग्रेस के राजस्थान में हुए चिंतन शिविर में एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला तय हुआ था, लेकिन पीसीसी चीफ कमलनाथ वह फॉर्मूला भूल गए। सिद्धार्थ विधायक हैं, यदि टिकट किसी और को मिली होती तो उसे भी अवसर मिलता।