इंटरनेट संचालन ढांचे के पुनर्विचार पर जोर….

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सोशल मीडिया वेबसाइटों पर पेश सामग्री की जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से परिभाषित की जानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीते एक-दो दशक में सूचना प्रौद्योगिकी और इंटरनेट में हुए बदलाव को ध्यान में रखकर इंटरनेट संचालन के ढांचे के बारे में बुनियादी स्तर पर पुनर्विचार की जरूरत है।

इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम के उद्घाटन के दौरान उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, इंटरनेट पर सामग्री के सृजन के तरीके, सामग्री के उपभोग के तरीके, इंटरनेट तक पहुंच के तरीके, भाषाएं, जिनमें इंटरनेट का उपयोग किया जाता है, मशीनें, इंटरनेट का उपयोग करने के माध्यम, सब कुछ बदल गया है। ऐसे में इन बुनियादी बदलावों के साथ इंटरनेट के संचालन ढांचे में बुनियादी स्तर पर पुनर्विचार की जरूरत है।

वहीं, इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि वैश्विक इंटरनेट का भविष्य भारत के इंटरनेट परितंत्र और नवाचार क्षमताओं के नेतृत्व में होना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि हम एक राष्ट्र के रूप में इंटरनेट को सावधानीपूर्वक आकार दें और जिम्मेदारियों को सावधानीपूर्वक तय करें।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह ऐसा युग है जहां सामग्री का निर्माण और उपभोग मोबाइल उपकरणों के माध्यम से किया जा रहा है।
ऐसे में इंटरनेट के सबसे बड़े उपयोगकर्ताओं में से एक होने के नाते भारत को दुनियाभर में इंटरनेट के संचालन को परिभाषित करने के तरीके में एक प्रमुख हितधारक होना चाहिए।
वैष्णव ने  कहा, लिखे हुए शब्दों में एक विश्वास निहित रहता, हम कुछ पढ़ते हैं, तो हमें उसपर यकीन होने लगता है।
मसलन वाट्सएप संदेश हो या फेसबुक पोस्ट कहीं कुछ हो गया है, तो हमें लगता है कि यह सच होना चाहिए। यहां सवाल उठता है कि इस लिखी हुई सामग्री के लिए जिम्मेदार किसे माना जाए?
तकनीक-इंटरनेट पर बन रहा नया कानूनी ढांचा : चंद्रशेखर
देश में तकनीक और इंटरनेट को लेकर एक नया कानूनी ढांचा विकसित हो रहा है और डाटा संरक्षण विधेयक इस दिशा में पहला कदम है। यह बात इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कही है। उन्होंने कहा, सरकार और सार्वजनिक सेवाओं का तेजी से डिजिटलीकरण होगा। चंद्रशेखर के मुताबिक, सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि इंटरनेट और प्रौद्योगिकी खुले, सुरक्षित और जवाबदेह बने रहें, क्योंकि आगामी कुछ वर्षों में 1.2 अरब भारतीय ऑनलाइन माध्यम पर आ जाएंगे।              मिडिया रिपोर्ट