कहीं आपका मोबाइल फोन संक्रमित तो नही..?

कोरोना वायरस ना सिर्फ इंसानों में फैलने में सक्षम है बल्कि वो प्वास्टिक और धातू में भी आसानी से जिंदा रहता है. रिसर्च के मुताबिक हार्ड प्लास्टिक जैसे मोबाइल फोन पर भी ये वायरस चार घंटों तक जिंदा रह सकता है. इन दिनों सबसे ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल हो रहा है. ऐसे में अपने मोबाइल फोन को भी संक्रमण मुक्त रखना बहुत जरूरी है.

लॉकडाउन के दौरान अगर किसी चीज का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है तो वो है मोबाइल फोन. अधिकतर लोग इन दिनों देश-दुनिया से जुड़े रहने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं. यहां तक की कई लोग वर्क फ्रॉम होम भी मोबाइल फोन से ही कर रहे हैं.

ऐेसे में आप पूरी एहतियात बरतें और डेटॉल या एल्कोहॉल युक्त सेनेटाइजर को रूमाल या किसी सूती कपड़े से भिगाकर हर चार घंटों में अपने मोबाइल को ऊपर से साफ करें. खास तौर पर तब जब आप कहीं बाहर से आए हों. इसके अलावा ये भी कोशिश करें कि आपका फोन या आपका लैपटॉप कोई बाहरी आदमी ना छुए. ऐसा इसलिए क्योंकि देश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. 

आपके लिए ये जानना जरूरी है कि आपके फोन में भी कोरोना वायरस 4 घंटे तक जिंदा रह सकता है ? जी हां, कोरोना वायरस सतह से मोबाइल तक आ सकता है और वहां करीब चार घंटों तक जिंदा रहता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन(who) की रिपोर्ट के मुताबिक SARS-CoV वायरस जिसे 2003 में पहचाना गया था वो कांच की सतह पर 96 घंटों तक जिंदा रह सकता है यानी लगभग 4 दिनों तक वो वायरस कांच पर जिंदा रह सकता है | कांच के अलावा ये वायरस हार्ड प्लास्टिक की सतह और स्टील पर करीब 72 घंटों तक जिंदा रह सकता है यानी करीब 3 दिनों तक ये वायरस वहां रह सकता है.