लचर स्वास्थ्य सेवाएँ : भांजी का शव कंधे पर लेकर घंटों तक भटकता रहा..

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बद से बदतर हो चुकी है ! आये दिन सामने आ रही घटनाओं से शर्म भी शर्मशार हो जाएगी , परन्तु बेशर्म नौकरशाह और नेताओं की आखों का पानी सूख चूका है, जिन्हें ये तस्वीरें नजर नही आ रही है ! स्वास्थ्य विभाग में लगभग रोजाना ही ऐसी तस्वीरें देखने को मिल रही हैं। हाल ही में छतरपुर जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया जहां एक बच्ची के मामा को भांजी का शव ले जाने के लिए शव वाहन नहीं मिला। बेवस बच्ची का मामा भांजी का शव दो घंटे तक लेकर इधर-उधर भटकता रहा !  किसी तरह बस से बेटी के शव को गांव ले गया….क्या इस घटना से प्रदेश के मामा शर्मशार होंगे ?  यह देखने बाली बात होगी और स्वास्थ्य सेवाओं में कितना सुधर होता है ….राकेश प्रजापति 

जानकारों के मुताबिक जिले के बाजना थाना क्षेत्र के पाटन गांव में सुबह नदी के पास 4 वर्षीय प्रीति अपनी सहेलियों के साथ खेल रही थी, इसी दौरान बच्ची की मिट्टी में दबने से मौत हो गई।

हादसे के समय बच्ची का मामा वहीं नदी में नहा रहा था, तुरंत बच्ची को मिट्टी से निकाला और उसे गंभीर हालत में बिजावर अस्पताल ले जाया गया। बच्ची की हालत को देखते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया।

भांजी की मौत के बाद उसका मामा किशोरी शव को कंधे में लिए अस्पताल प्रबंधन और समाज सेवियों के चक्कर लगाता रहा, लेकिन शव को घर ले जाने के लिए उन्हें शव वाहन नहीं मिल सका। बाद में बच्ची का मामा शव को लेकर नि:शुल्क वाहन की तलाश में समर्पण क्लब में गया लेकिन वहां भी निराशा हाथ लगी। 2 घंटे तक परेशान होने के बाद मामा किशोरी हताश होकर अपनी भांजी के शव को उठाकर अस्पताल से पैदल निकल पड़ा और चौराहे से टैक्सी लेकर पुराना बिजावर नाका तक पहुंचा, जहां बस में बैठकर बच्ची के शव को लेकर अपने गांव के लिए निकला। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों स्थानीय विधायक ने शव वाहन दिया था, इसके बावजूद यहां जरूरतमंद लोगों को समय पर वाहन नहीं मिल रहा है। मिडिया रिपोर्ट