छिन्दवाड़ा// मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एन.के.शास्त्री एवं सिविल सर्जन डॉ.नरेश गुन्नाडे के मार्गदर्शन में जिला अस्पताल में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर सेमिनार का आयोजन किया गया ..
सेमिनार में उपस्थित मनोरोगियों को मनकक्ष प्रभारी मनोरोग चिकित्सक डॉ.पूनम ठाकुर द्वारा बताया गया कि तनाव, चिंता, दु:ख, अस्थाई है। इसके लिए आत्महत्या जैसे कोई स्थाई निर्णय ना लें । अपने अंदर ऊर्जा की कमी महसूस करना, भूख व नींद में बदलाव आना, चिंता, बेचैनी और हिचकिचाहट का बढ़ना, एकाग्रता में कमी आना, स्वयं में निराश रहना, अपराध बोध होना, खुद को बेकार महसूस करना, खुद को नुकसान पहुंचाने और आत्महत्या के विचार आना इस प्रकार की समस्या होने पर इसे छुपाए नहीं बताएं और मदद के लिए हाथ बढ़ाये क्योंकि मानसिक रोगों का इलाज संभव है। आत्महत्या को “ना” और जीवन को “हां” कहिए ।
मनकक्ष प्रभारी मनोरोग नर्सिंग ऑफिसर रूपाली यादव द्वारा टैली मानस टोल फ्री नंबर- 14416, 1800 891 4416 एवं मनहित एप के विषय में जानकारी प्रदान की गई । उपस्थित लोगों को डिप्रेशन से संबंधित आईईसी सामग्री एवं पंपलेट वितरण किए गए। सेमिनार में डॉ.सुशील दुबे, डॉ.रवि टांडेकर, डॉ.हर्षवर्धन कूड़ापे, डॉ.कीर्ति शर्मा, जिला स्वास्थ्य मीडिया अधिकारी डॉ.प्रमोद वासनिक एवं नर्सिंग स्टाफ उपस्थित थे।