इंटरनेशनल यूथ हॉस्टल्स फेडरेशन से संबद्ध YHAI मध्यरादेश राज्य शाखा भोपाल के स्थापना के स्वर्ण जयंती उपलक्ष्य में युवाओं को साहसिक गतिविधियों के माध्यम से रियायती दर पर ज्ञानवर्धक प्राकृतिक भ्रमण की सामाजिक संस्था की सतपुड़ा इकाई जिला छिंदवाड़ा के द्वारा अपने युवा ऊर्जावान ,अनुभवी चेयरमैन प्रदीप वाल्मीकि (सतुपुड़ासिंघम) के प्रेरक मार्गदर्शन में जिला स्तर पर अनेक पर्यटन स्थलों पर मासिक रूप से ट्रेकिंग गतिविधियां नियमित रूप से संचालित की जा रही है, इसी क्रम में विगत दिवस 1 अगस्त 2024 को सतपुड़ा की विहंगम वादियों में स्तिथ सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी नागद्वार क्षेत्र के सतपुड़ा इकाई छिंदवाड़ा द्वारा एक दिवसीय साहसिक ट्रेकिंग अभियान का भव्य आयोजक किया गया,
दिनाक 31 जुलाई 2024 को सतपुड़ा इकाई छिन्दवाड़ा के इकाई कार्यालय ई एल सी कंपाउंड,नागपुर रोड़ में ट्रेकिंग अभियान दल के 15 सदस्यीय दल को इकाई के जिला फाउन्डर सदस्य सुरेशचंद्र सालोडकर, इकाई अध्यक्ष मनोज सोनी , सह सचिव अनिल महरोलिया द्वारा द्वारा हरी झंडी दिखाकर,yhai संस्था कैप पहनाकर शुभकामनाओं सहित आवश्यक दिशा निर्देशों के पश्चात नागद्वार ट्रेक हेतु रवाना किया गया। नागद्वार ट्रेकिंग अभियान दल में प्रमुख रूप से पंकज सेन, आजाद सिंह, भोपाल ,जितेंद्र फटिंग , दलजीत सिंह नागपुर ,सुमेध वासनिक ,नागपुर, मयूर ठाकुर , प्रिंस मिश्रा , शिवानी गुप्ता, अभिलाष ठाकरे, श्री राजेंद्र कुमार सातपुते बैतूल, रूपेश कुमार बैतूल,शुभम बड़ोनिया ट्रेकिंग दल छिंदवाड़ा से प्रस्थान करके सर्वप्रथम दल तामिया व्यू पॉइंट पहुंचा जहां सभी सदस्यों द्वारा तामिया पहाड़ियों के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया, तत्पश्चात स्थानीय सांस्कृतिक परंपरागत व्यंजन मक्के की रोटी का स्वाद लेकर पचमढ़ी की ओर प्रस्थान किया ।
पचमढ़ी में सभी सदस्यों के लिए रात्रि भोजन /विश्राम उपरांत रात्रि अगले दिन तड़के सुबह 5 बजे से ही नागद्वार ट्रेक के प्रारंभिक बिंदु जलगली से प्रारंभ की गई,जलगली से दल नागफनी, धूपगढ़ पहुंचा जहां भजिया गिरी से विस्थापित प्राचीन वन ग्राम काजरी के ट्रेकिंग दल की कठिन यात्रा प्रारंभ हुई, काजरी पहुंचने का मार्ग तीखी ढलान वाला रहा, काजरी से ट्रेकिंग दल द्वारा नागद्वार के मुख्य मंदिर पदमशेष,चंदन शेष,भृदशेष, नागदेव की पवित्र गुफा में शिवलिंग के दर्शन किए।
भदृशेष नागदेव गुफा के ठीक ऊपर से कल-कल बहते प्राकृतिक झरने के सौंदर्य का लुत्फ लिया, मुख्य मंदिर पदमशेष से अभियान दल पंचमुखी गुफा पहुंचा उसके बाद दल पश्चिम द्वार के लिए प्रस्थान किया । पश्चिम द्वार पहुंच कर यहां के सुंदर झरने एवं गहरी गुफा में देव दर्शन उपरांत स्वर्ग द्वार की खड़ी चढ़ाई बड़ी बड़ी लोहे की सीडि़यों से जोखिम पूर्वक करके दल स्वर्ग द्वारा पहुंचे। स्वर्ग द्वार में बहुत सुदर प्राकृतिक दृश्य , गुफा एवं मनमोहक झरनों को देखकर सभी सदस्योंे की थकान दूर हो गई । स्वर्ग द्वार से निकलकर चिंतामण गुफा में नागदेव के दर्शन किए। यहां सभी तीर्थ यात्रियों के लिए स्वयंसेवी धर्म मंडल द्वारा इस दुर्गम क्षेत्र में विशेष आवास सुविधा बनाई गई है। चिंतामण से ट्रेकिंग दल चित्रशाला दर्शन जाने के लिए अभियान दल को पुन: बड़ी बड़ी सीढ़ियों का सहारा लेकर चढ़ना पड़ा, जो कि बहुत ही रोमांचकरी क्षण साबित हुए, चित्रशाला गुफा से नंदीगढ़ एवं सतपुड़ी के जंगलों का विहंगम प्राकृतिक दृश्य दर्शन अद्भुत रहा।
चित्रशाला से दूधधारा जलप्रपात दो झरनों का संगम स्थल है यहां पंहुच कर सभी सदस्यों ने जलप्रपात के साथ तस्वीर भी ली एवं यहां सुखद समय व्यतीत करने के उपरांत दूधधारा जलप्रपात इस यात्रा का अंतिम दर्शनीय स्थान दमगढ़ पहाड़ की कठिन चढ़ाई प्रारंभ की और शाम होते भजिया गिरी होते पचमढ़ी होते वापस अभियान दल देर रात्रि सफलतापूर्वक नागद्वार दुर्गम ट्रेक उपरांत छिंदवाड़ा वापिस आया। आदि ने अपनी सक्रिय सहभागिता दी,नागद्वार के इस दुर्गम ट्रेक के डायरेक्टर के रूप में मोहित सूर्यवंशी, को ट्रेक डायरेक्टर दीनानाथ पवार एवं ऑब्जर्वर सचिव हिमांशु जायसवाल रहे,