मध्यप्रदेश सरकार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेश की अलग-अलग जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 177 बंदियों को रिहा कर रही है , इन बंदियों में 5 महिलाएं भी शामिल हैं….
मध्यप्रदेश सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक बड़ा कदम उठाते हुए 177 बंदियों को रिहा करने का निर्णय लिया है। इन बंदियों में से अधिकांश को आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। राज्य सरकार की जेल विभाग की नीति के अंतर्गत इन्हें सजा में छूट दी गई है। हालांकि, बलात्कार और पाक्सो अधिनियम से संबंधित अपराधों में दंडित बंदियों को इस रिहाई में शामिल नहीं किया गया है। रिहाई प्रक्रिया सरकार की 22 सितंबर 2022 की नीति के तहत सजा में छूट प्रदान करके की जा रही है। जेल विभाग के अनुसार, रिहा किए जा रहे बंदियों को जेल में रहते हुए विभिन्न कौशल जैसे टेलरिंग, कारपेन्ट्री, लौहारी, भवन निर्माण आदि का प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि वे रिहाई के बाद जीवकोपार्जन के साधन जुटा सकें और समाज में पुनः स्थापित हो सकें
जेल से रिहा हो रहे बंदी :- 1. केन्द्रीय जेल, उज्जैन – 19 बंदी, 2. केन्द्रीय जेल, सतना – 24 बंदी , 3. केन्द्रीय जेल, नर्मदापुरम – 16 बंदी 4. केन्द्रीय जेल, बड़वानी – 06 बंदी , 5. केन्द्रीय जेल, ग्वालियर – 20 बंदी , 6. केन्द्रीय जेल, जबलपुर – 19 बंदी , 7. केन्द्रीय जेल, रीवा – 14 बंदी , 8. केन्द्रीय जेल, सागर – 04 बंदी , 9. जिला जेल, टीकमगढ़ – 04 बंदी , 10. केन्द्रीय जेल, नरसिंहपुर – 15 बंदी , 11. केन्द्रीय जेल, इंदौर – 18 बंदी , 12. केन्द्रीय जेल, भोपाल – 15 बंदी..