किडनी फेल से अब तक 9 मासूमों की जान गई, 8 नागपुर में भर्ती , 4 जिला अस्पताल छिंदवाड़ा में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे ..
किसी मृत बच्चे का पोस्टमार्टम तक नहीं, फिर कफ सिरप को कसूरवार ठहराने का आधार क्या ?
क्या हवा में तीर पकड़ रहा है स्वास्थ्य एवं जिला प्रशासन ?
छिंदवाड़ा जिले में मासूम बच्चों की मौतों ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया है। अब तक 9 मासूम किडनी फेल होने की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं, जबकि 8 बच्चे नागपुर और 4 बच्चे जिला अस्पताल छिंदवाड़ा में भर्ती हैं। हालत गंभीर है, और हर पल परिवारों की सांसें अटकी हुई हैं।
गांव-गांव से लगातार बच्चों के बीमार होने की खबरें आ रही हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक जिन 9 मासूमों की मौत हुई, उनमें से किसी का भी पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। पोस्टमार्टम से ही मौत की असली वजह साफ होती, मगर प्रशासन ने यह जहमत तक नहीं उठाई।
स्क्रीनिंग अभियान तेज, 4600 से ज्यादा की जांच ..
परासिया एसडीएम शुभम यादव ने बताया कि अब तक 9 बच्चों की मौत हो चुकी है। लगातार हो रही मौतों से स्वास्थ्य अमला सकते में है। बच्चों में किसी भी संक्रमण की पहचान के लिए जिले में विशेष स्क्रीनिंग अभियान चलाया जा रहा है।
एसडीएम यादव के अनुसार, जिले में अब तक 4,658 बच्चों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें से 4,411 बच्चों की रिपोर्ट मिल चुकी है और प्रतिदिन औसतन 120 बच्चों की जांच जारी है।
बिना जांच सिरप पर ठीकरा क्यों ?
जब मौतों की असली वजह का पता ही नहीं लगाया गया, तो फिर किस आधार पर स्वास्थ्य विभाग यह दावा कर रहा है कि मौतें कफ सिरप से हुईं ?
क्या यह सिर्फ दोष टालने और असली वजह पर पर्दा डालने की कोशिश है ?
मासूमों की सांसें अटकी, जिम्मेदार चुप
9 मासूमों की मौत से क्षेत्र में मातम पसरा है। माता-पिता अपने बच्चों को गोद में लिए अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। 8 बच्चे नागपुर में और 4 छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में इलाजरत हैं। लेकिन प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग केवल बयानबाजी कर रहा है।
गांव वालों के सवाल
👉 जब पोस्टमार्टम ही नहीं हुआ, तो कफ सिरप Coldrif और Nextro-Ds को किस आधार पर प्रतिबंधित किया गया ?
👉 क्या मासूमों की मौत पर पर्दा डाला जा रहा है ?
👉 आखिर कब जागेगा सिस्टम ?
9 मासूमों की यह दर्दनाक मौतें सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि प्रशासन की लापरवाही और संवेदनहीनता पर सीधा सवाल हैं।