मौत की सुरंग में कोल माफिया ..

🔥 त्वरित टिप्पणी…..

मौत की सुरंग में कोल माफिया – नेताओं और विभाग की मिलीभगत ने ली दो जिंदगियाँ !

सुरक्षा के बीच अवैध खनन, प्रशासन बेबस , बेगुनाह मजदूर बने साज़िश का शिकार …..

मोयारी खदान हादसे ने खोली साज़िश की पोल…

छिंदवाड़ा // मोयारी खदान की काली सुरंग ने बीती रात दो निर्दोषों की जान निगल ली और एक मजदूर को गंभीर घायल कर दिया। यह हादसा कोई सामान्य दुर्घटना नहीं, बल्कि उस गहरी साज़िश का परिणाम है, जिसमें कोल माफिया, नेताओं और विभागीय सुरक्षा तंत्र की मिलीभगत साफ़ झलक रही है।

सुरक्षा गार्डों की मौजूदगी में चोरी – आखिर क्यों ?

सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब खदानों पर सुरक्षा कर्मी तैनात हैं, तो फिर सुरंग बनाकर करोड़ों का कोयला चोरी कैसे हो गया? क्या सुरक्षा गार्डों ने आँखें मूँद ली थीं या फिर कोल माफियाओं की मोटी रिश्वत ने उनकी जुबान बंद कर दी ?

स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना सुरक्षा की मिलीभगत के इतनी बड़ी पैमाने पर चोरी नामुमकिन है। प्रबंधन की लापरवाही और देरी घटना की जानकारी मिलते ही परासिया एसडीएम, जुन्नारदेव एसडीओपी सुनील बरकड़े, परासिया एसडीओपी जितेंद्र जाट, थाना प्रभारी राकेश बघेल, उप थाना प्रभारी मुकेश डोंगरे और अंबाड़ा चौकी प्रभारी संजय सोनवाने मौके पर पहुँचे और जनसहयोग से रेस्क्यू अभियान चलाया। लेकिन सवाल उठता है कि वेकोलि प्रबंधन घटनास्थल पर देर से क्यों पहुँचा? क्या यह महज़ लापरवाही थी या फिर सोची-समझी उदासीनता?

अवैध कारोबार का जाल…

जिलेभर के ईंट-भट्टों तक यह चोरी का कोयला धड़ल्ले से पहुँचता है। टिमनी, सावरी, उमरेठ और चांदामेटा के रास्तों से यह गोरखधंधा दिन-रात चलता है। चोरी का कोयला ईंट पकाने में इस्तेमाल होता है और फिर बाजार में महंगे दामों पर बेचा जाता है। सवाल उठता है कि क्या यह पूरा कारोबार नेताओं और विभागीय अधिकारियों की सरपरस्ती के बिना संभव है?

दो मौतें, एक गवाही….

मोयारी खदान से बाहर निकली दो लाशें सिर्फ हादसे की गवाही नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी और भ्रष्टाचार की खुली पोल हैं। यह मौतें उन मजदूरों की नहीं हैं जिन्होंने गलती की, बल्कि उस सत्ता-तंत्र की हैं जिसने चुप्पी साधकर माफियाओं को पनपने दिया।

अब भी न चेते तो और मौतें होंगी….

अगर सरकार और प्रशासन ने अब भी इस खेल पर नकेल नहीं कसी, तो आने वाले दिनों में और बेगुनाह मजदूर इन काली सुरंगों में दफन होते रहेंगे और माफिया, नेताओं की शह पर, खुलेआम करोड़ों की तिजोरियाँ भरते रहेंगे।
राकेश प्रजापति
संपादक : ” ख़बरद्वार “