प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बीच बंद कमरे में हुई मुलाकात और निवास पर जाने की राजनीतिक ने प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया है ! सियासी पंडित इसके अलग-अलग मायने निकाल रहे है , लेकिन चार दिन पहले से शिवराज ने फोन पर विजयवर्गीय को कह दिया था कि वे इंदौर आ रहे है और इस बार मिलना है ..
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज जब सोयबीन अनुसंधान केंद्र गए तो बंद कमरे में उन्होंने 18 मिनट तक मंत्री विजयवर्गीय से चर्चा कर ली थी। इसके बाद शाम को शिवराज सिंह अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ विजयवर्गीय के नंदानगर स्थित निवास पर भी गए। दरअसल साधना सिंह और मंत्री विजयवर्गीय की पत्नी आशा की अच्छी मित्रता है। उन दोनों को भी मिलना था। 9 साल पहले जब आशा विजयवर्गीय को दिल का दौरा पड़ा था तो साधना सिंह इंदौर आकर ने आईसीयू में उनकी चार घंटे तक देखभाल की थी। लंबे समय से दोनो नहीं मिले थे।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज जब विजयवर्गीय के घर पहुंचे तो उन्होंने इंदौरी पोहे खाने की इच्छा जताई। इसके बाद विजयवर्गीय के छोटे भाई विजय विजयवर्गीय ने अपने हाथ से पोहे बनाए। शिवराज और साधना करीब एक घंटे रुके। परिवार के साथ उन्होंने भोजन भी किया। शिवराज दोपहर में विधायक मालिनी गौड़ के निवास पर भी गए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज और विजयवर्गीय की दोस्ती 30 साल से भी ज्यादा पुरानी है। दोनो भाजपा नेत्री उमा भारती के समर्थक थे और युवा मोर्चा में सक्रिय थे। शिवराज जब विदिशा से चुनाव लड़ते थे तो विजयवर्गीय इंदौर से कार्यकर्ताअेां की टोली लेकर उनके लिए चुनाव का काम करने कई बार गए। शिवराज के मुख्यमंत्री बनने के बाद समीकरण बदले और दोनों के बीच दूरियां बढ़ने लग गई थी। मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद शिवराज ने जब केंद्र की राजनीति शुरू की तो फिर से विजयवर्गीय व शिवराज के बीच पहले जैसी मित्रता नजर आने लगी है।