50 % कमीशन के फेरे में शिवराज सरकार ..

मध्यप्रदेश में ऐन चुनावों के पहले शिवराज सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। ग्वालियर के लघु कॉन्ट्रैक्टर संघ के बाद अब रीवा के पेटी कॉन्ट्रैक्टर संगठन ने सरकार पर कमीशनखोरी का आरोप लगाया है ,जिससे पूरी सरकार के पैरों तले जमींन धसने लगी है ….

प्रदेश में  लगातार सत्ता विरोधी लहर तूफ़ान के आने का संकेत दे रही है ,जिससे शिवराज सरकार अभी से हिचकोले खाने लगी है ! 50 % कमीशन की पतवार भर्ष्टाचार की आंधी को सहन करने की क्षमता खो चुकी है ! वैसे तो मामा शिवराज हर वर्ग को साधने की कोशिश कर रहे है, लेकिन लगातार कमीशनखोरी के आरोप लगने के बाद अब भाजपा सरकार घिरती नजर आ रही है।

बीते दिनों लघु कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने कमीशनखोरी का आरोप लगाया था, तो वहीं अब रीवा गौशाला पेटी कॉन्ट्रैक्टर का पत्र आया सामने है। कांग्रेस नेता अरुण यादव सोशल मीडिया पर हैशटैग कमीशनखोर सरकार के साथ पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा ‘अब पेटी कॉन्ट्रैक्टर पीयूष पांडेय ने लिखा जबलपुर हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र। मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेताओं को 50% कमीशन के सबूत चाहिए थे न, आप लोगों के डर की वजह से ज्ञानेंद्र अवस्थी सामने नहीं आया था, लेकिन पीयूष पांडेय किसी भी मंच पर 50% कमीशन के आरोपों पर बात करने के लिए तैयार है। अब जाइये और जाकर फिर मेरे एवं कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एक और एफआईआर करवाईये।’

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस पत्र पर सरकार को घेरा है। कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि ‘शिवराज सरकार के 50% कमीशनराज के भ्रष्टाचार का घड़ा फूट चुका है। रीवा के गौशाला पेटी कॉन्ट्रैक्टर संगठन ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शासकीय कार्यों में 50% कमीशन खाने का आरोप लगाया है। ठेकेदार ने सार्वजनिक रूप से बयान जारी किया और यह भी बताया कि उसके जैसे कई अन्य ठेकेदार भी 50% कमीशन राज से पीड़ित हैं।

भारत की न्यायपालिका में इस तरह के गंभीर मामलों में स्वत संज्ञान लेने की गरिमापूर्ण परंपरा रही है। मैं माननीय न्यायालय से आग्रह करता हूं कि इस ठेकेदार के पत्र का संज्ञान लें, उसे सुरक्षा मुहैया कराएं और मध्यप्रदेश को चाट रहे भ्रष्टाचार के दीमक से बचाएं। साभार मिडिया रिपोर्ट