आबकारी अधिकारियों और शराब ठेकेदारों के ठिकानों पर छापेमारी ..

प्रदेश में बहु-चर्चित शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने कार्रवाई कर इंदौर, भोपाल, मंदसौर और जबलपुर जिले सहित कई शहरों में आबकारी अधिकारियों और शराब ठेकेदारों के ठिकानों पर छापेमारी की गई। यह कार्रवाई 71 करोड़ रुपये के फर्जी बैंक चालान घोटाले के सिलसिले में की जा रही है ….

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने यह जांच एक एफआईआर के आधार पर शुरू की है, जिसमें आरोप है कि कुछ शराब ठेकेदारों ने फर्जी चालान और दस्तावेजों के जरिए सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान पहुंचाया। जानकारों के मुताबिक वित्त वर्ष 2015-16 से 2017-18 के बीच इन ठेकेदारों ने नकली चालान के माध्यम से शराब खरीदने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल किए।

जांच में यह सामने आया है कि आरोपी शराब ठेकेदार आबकारी अधिकारीयों से साठगांठ कर चालानों में जान बूझकर हेरफेर करते थे। चालान में राशि अंकों में भरी जाती थी। लेकिन शब्दों में राशि के लिए छोड़ी गई जगह को खाली रखा जाता था। बैंक में मूल राशि जमा करने के बाद ठेकेदार बाद में चालान की कॉपी में उस खाली जगह पर लाखों रुपये जोड़ देते थे।

इस फर्जीवाड़े से तैयार की गई चालानों की कॉपियां देशी शराब गोदामों या विदेशी शराब के मामले में जिला आबकारी कार्यालयों में जमा की जाती थीं। ईडी अधिकारियों ने फिलहाल दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है और छापेमारी अभी भी जारी है। इस कार्रवाई में कई आबकारी अधिकारियों की भी भूमिका की जांच हो रही है। घोटाले की कुल रकम करीब 71 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिससे राज्य सरकार को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया गया। अब इस जाँच में सभी के नाम सामने आएँगे जिन्हें आबकारी महकमा पर्दा डाले हुए था !