कुकुर समाधि पर बना शिवालय ..

मध्यप्रदेश में शिव भक्ति का वैभव शाली इतिहास है ! देवों के देव महादेव की लीला अपरम्पार हैं , कब, किसे और कैसे भगवान् भोलेनाथ की कृपा बरस पड़े ये भी सिर्फ बाबा भोले नाथ पर निर्भर होता है ! आपको सुनने में थोडा अजीब लगेगा परन्तु प्रदेश के डिंडौरी जिले में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर कुकुर समाधि पर बना हुआ है। इस प्राचीन एवं ऐतिहासिक शिव मंदिर का इतिहास एक कुत्ते की वफ़ादारी से जुड़े होने की मान्यताएं हैं….

डिंडोरी जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूरी पर गांव कुकर्रामठ में स्थित भगवान शिव के इस मंदिर को ऋण मुक्तेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। मंदिर को लेकर यह भी मान्यता है कि यहां पूजापाठ करने से मनुष्य को हर तरह के ऋणों से मुक्ति मिलती है। ऐतिहासिक एवं प्राचीन ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर वर्तमान में पुरातत्व विभाग के अधीन  है।

हिन्दू धर्माविलाम्वियों के पवित्र  सावन माह में दूर-दूर से शिवभक्त आस्था के साथ इस मंदिर में पहुंचते हैं। सोमवार के दिन ऋण मुक्तेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। कांवड़िये नर्मदा नदी से जल लेकर बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और नर्मदा जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। कुकर्रामठ गांव में स्थित भगवान शिव के अत्यंत प्राचीन इस मंदिर के अंदर करीब तीन फीट की लंबाई का शिवलिंग मौजूद है। भगवान शिव का यह प्राचीन मंदिर कल्चुरी काल का बताया जाता है।

स्थानीय किवदन्तियो के मुताबिक बरसों पहले स्थानीय निवासी लाखा नामक बंजारे ने धन की जरूरत पड़ने पर अपने कुत्ते को राजा के पास गिरवी रख दिया था और उसी दौरान राजमहल में चोरी की घटना हो गई ! तब कुत्ते की सूझबूझ से चोरी का पूरा सामान राजा को वापस मिल गया । कुत्ते की वफ़ादारी से खुश होकर राजा ने कुत्ते के गले में बंजारे के नाम खत लिखकर उसे आजाद कर दिया , कुत्ता जैसे ही अपने मालिक लाखा बंजारे के पास पहुंचा तो बंजारे को लगा कि कुत्ता महल से भागकर आ गया है और बंजारे ने कुत्ते को उसी समय मौत के घाट उतार दिया। कुछ देर बाद अचानक बंजारे ने कुत्ते के गले में लटके खत को पढ़ा तो उसे बेहद अफ़सोस हुआ और वह पश्च्यताप से व्याकुल हो भगवान भोले नाथ को याद करते हुए उसके भी प्राण पखेरू उड़ गए !

स्थानीय लोगों की मानें तो ऋण मुक्तेश्वर महादेव का मंदिर और उनके गांव का नाम कुकर्रामठ होना इस दावे का जीता जागता प्रमाण है। महाशिवरात्रि के दिन ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर परिसर में मेला लगता है, जिसमें लोग अपनी मन्नत लेकर पहुंचते हैं। मंदिर से जुडी एक और मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति को कुत्ता काट लेता है, तो मंदिर के अवशेष पत्थरों को घोलकर पीने से कुत्ते का जहर समाप्त हो जाता है हालांकि जानकार इस दावे को अंधविश्वास से जोड़कर देखते हैं।