5 वकीलों पर गिरी गाज, निलंबित हुई सनद ..

मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद ने आपराधिक गतिविधियों में लिप्त वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। हाल ही में, हत्या के प्रयास के एक मामले में सात साल की सजा पाए उज्जैन के पाँच वकीलों की सनद निलंबित कर दी गई है। इस कार्रवाई के बाद, ये वकील अब किसी भी अदालत में पैरवी नहीं कर पाएंगे और न ही वकालत का अभ्यास कर सकेंगे..

यह है पूरा मामला :- यह मामला उज्जैन के एक व्यक्ति घनश्याम पटेल पर जानलेवा हमले से जुड़ा है। इस हमले के आरोप में अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार शर्मा, शैलेंद्र कुमार शर्मा, सुरेंद्र कुमार शर्मा, भावेंद्र शर्मा और पुरुषोत्तम राय को दोषी पाया गया था। इंदौर के अपर सत्र न्यायाधीश ने इन पाँचों को सात-सात साल की जेल की सजा सुनाई थी। पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश किया था।

शिकायत पर हुई कार्रवाई :- जब इन वकीलों को आपराधिक मामले में सजा मिली, तो पीड़ित घनश्याम पटेल ने इसकी शिकायत सीधे राज्य अधिवक्ता परिषद से की। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए, स्टेट बार ने तत्काल इन वकीलों की सनद निलंबित करने का फैसला किया।

स्टेट बार के चेयरमैन राधेलाल गुप्ता और वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी ने स्पष्ट किया कि अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 35 के तहत यह कार्रवाई की गई है। इस निलंबन के कारण, ये सभी अधिवक्ता अब भारत की किसी भी अदालत में कानूनी अभ्यास करने के लिए अयोग्य हो गए हैं।

यह कार्रवाई साफ संदेश देती है कि वकालत जैसे गरिमामय पेशे में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के लिए कोई जगह नहीं है।