छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय में करोड़ों की लगत से बने मेडिकल कालेज के अंतर्गत चलने बाले चिकित्सालय में बच्चे के गले में फंसे नारियल के टुकड़े को निकलने में असमर्थ निकम्मे चिकित्सकों की नाकामी के चलते दो साल के बच्चे की मौत हो गई। नारियल का टुकड़ा उसके गले में फंस गया था। धिक्कार है ऐसे कलयुगी दानवों को जिन्हें आम जनता भगवान समझती है …
मामला छिंदवाड़ा के परतला में रहने वाले दो साल के मासूम बच्चे की नारियल खाने से मौत हो गई। दरअसल नारियल खाते वक्त नारियल का बड़ा सा टुकड़ा उसकी श्वास नली में अटक गया, जिससे उसे सांस लेने में तकलीफ हुई। परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, तब तक काफी देर हो चुकी थी। अस्पताल में इलाज के दौरान ही उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
देहात थाना पुलिस के मुताबिक हिमांशु पिता कमलेश काकोड़िया (2) परतला में रहता है। आज उसने खेलते-खेलते नारियल का टुकड़ा खा लिया और गले में फंसा लिया। उसकी मां ने निकालने का प्रयास किया, पर बच्चा बेहोश हो गया। परिजन पहले दो निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसका इलाज नहीं हो सका। बाद में उसे जिला अस्पताल लेकर आए, जहां डॉक्टरों ने इलाज के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि अस्पताल में देर शाम उसके शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। डॉक्टर द्वारा विसरा प्रीजर्व किया गया है।
गौरालब है कि हिमांशु ककोडिया की मौत के बाद उसके परिजन रो-रोकर बेहाल हो रहे हैं। वह इकलौता लड़का था, उसकी एक बहन भी है। खेल-खेल में उसने नारियल खा लिया, उसके बाद यह घटना घटी थी। ऐसे में परिवार अपनी जरा सी लापरवाही को लेकर सदमे में है।