मैं चला जाऊंगा तब बहुत याद आऊंगा ..

मैं चला जाऊंगा तब बहुत याद आऊंगा .. तो क्या मुख्यमंत्री को यह एहसास हो गया है की उनकी प्रदेश से विदाई होने बाली है जो उन्होंने बीते दिनों सीहोर जिले के लाड़कुई में मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्राहकों के लाभार्थियों से चर्चा कर रहे थे। इस दौरान भावुक होकर उन्होंने कहा- जब मैं चला जाऊंगा तब बहुत याद आऊंगा। ऐसा भैया मिलेगा नहीं  ….

इस बात का एहसास भोपाल में आयोजित कार्यकर्ता महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम न लेना। मुख्यमंत्री की योजनाओं का जिक्र न करना। प्रधानमंत्री के दिल्ली लौटते ही मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशियों की दूसरी सूची आना। सूची में केंद्रीय मंत्रियों के नाम की अप्रत्याशित घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर बदले—बदले नजर आ रहे हैं। जबकि राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि शिवराज सिंह चौहान को बुधनी से टिकट नहीं मिलेगा। उन्हें विदिशा भेजा सकता है। उसके बाद से सीएम शिवराज का मिजाज कुछ अलग है….

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार रात उज्जैन में महाकाल लोक के दूसरे चरण का भूमिपूजन किया। इस दौरान उनके द्वारा दिया गया बयान खूब चर्चा में है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि साधुओं के संग के बिना विवेक नहीं हो सकता। आप हमें सही मार्ग पर चलाने का मार्गदर्शन करते रहें। सीएम ने आगे कहा कि राजनीति की राहें बड़ी रपटीली होती हैं। कदम-कदम पर फिसलने का खतरा होता है। कई बार खुद फिसल जाते हैं। कई बार चक्कर में डालने वाले भी आ जाते हैं। हम रास्ता न भटकें। सद्मार्ग पर चलने की कृपा और आशीर्वाद आपका हम पर बना रहे।

बीते 3 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीहोर जिले के भैरूंदा ब्लॉक के सातदेव गांव में सभा के दौरान जनता से पूछा कि मैं चुनाव लडूं या नहीं ? यहां से लड़ूं या नहीं? इसके बाद जनता ने शिवराज, शिवराज के नारे लगा दिये थे। वहीँ भोपाल मेट्रो को हरी झंडी दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि मेट्रो को विदिशा ले जाएंगे। इस बयान के बाद भी चर्चा चल पड़ी थी, क्या शिवराज विदिशा जा रहे हैं।    साभार मिडिया रिपोर्ट