अजय ने भाऊ को याद दिलाया ,उप सरपंची के दिन ..

छिंदवाडा जिले में बीते तीन दिनों से ठण्ड बड़ी पड रही है ! वहीँ ठंडी पड़ी राजनीति के पोखर में बीते दिनों कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे ने पत्थर क्या फेंका , भाजपा खेमे में लहरे उफनाने लगी , राजनीति का मिजाज ही कुछ ऐसा है कि कब कौन दुश्मन या दोस्त हो जाय | कभी एक दुसरे पर जान निछावर करने वाले अब एकदूसरे को प्रतिद्वंदी की तरह नजर आने लगे है ! कभी गोदी में खेलने बाले अब इतने बड़े हो गए है की छींटाकासी पर उतर आए है , छिंदवाडा जिले की राजनीति कभी ऐसी तो न थी ! देश और समाज को दिशा देने बाली राजनीति कि गंगा को किसने दूषित किया है यह मीमांसा फिर कभी, राजनीति आगे-आगे क्या रंग दिखाएगी यह तो वक्त ही बताएगा …. 

 पूर्व कैबिनेट मंत्री दीपक सक्सेना के बेटे अजय सक्सेना ने पूर्व सांसद नकुलनाथ और कांग्रेस जिला अध्यक्ष विश्वनाथ ओकटे पर निशाना साधा है। कार्यक्रम के दौरान मंच से अजय सक्सेना ने विश्वनाथ ओकटे को चुनौती देते हुए कहा- ‘आपको चुनाव लड़ने की बहुत लालसा है। मैं कमलनाथ जी से निवेदन करता हूं कि आपको लोकसभा चुनाव की टिकट दी जाए। विवेक बंटी साहू आपको दो लाख वोटों से हराएंगे’

अजय सक्सेना ने विश्वनाथ ओकटे की राजनीति पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें मेरे पिता दीपक सक्सेना के राजनीतिक भविष्य की बहुत चिंता है। लेकिन, वह यह भूल रहे हैं कि पूर्व सीएम कमलनाथ से पहली बार मेरे पिता ने ही उनकी मुलाकात कराई थी, जब वह गुरैया के उप सरपंच थे।

अजय सक्सेना ने कहा, चार दिन बाज न उड़े तो आसमान कबूतर का नहीं हो जाता। छिंदवाड़ा अब किसी का घर नहीं रहा, यह लाडली बहनों का गढ़ है। नकुलनाथ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर नकुलनाथ पांच कार्यकर्ताओं के मकानों का नाम बता दें तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। नकुलनाथ किसी कांग्रेस कार्यकर्ता को नहीं पहचानते।
अजय सक्सेना ने यह बयान उस समय दिया, जब मंच पर सांसद विवेक बंटी साहू भी मौजूद थे। दरअसल, यह कार्यक्रम एक निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का था, जो उमरहड़ में आयोजित किया गया था। इस दौरान अजय सक्सेना नकुलनाथ और विश्वनाथ ओकटे पर जमकर हमलावर रहे।
विश्वनाथ ओकटे ने दो दिन पहले कसा था तंज  
दरअसल, कांग्रेस जिला अध्यक्ष विश्वनाथ ओकटे ने दो दिन पहले दीपक सक्सेना पर चुटकी ली थी। प्रभारी मंत्री के आगमन के दौरान लगे एक होर्डिंग में दीपक सक्सेना को पूर्व केंद्रीय मंत्री लिखा गया था, जिसे विश्वनाथ ओकटे ने अपमानजनक बताया था। इसी विवाद के चलते अजय सक्सेना ने आज नकुलनाथ और ओकटे पर तंज कसा।