रेंजेर और डिप्टी को बचा रहे है वनमंडलाधिकारी श्री निकम ….

वनवृत छिंदवाडा के दक्षिण वनमंडल के वन परिक्षेत्र सिल्लेवानी के खद‌बेली मे 4-कुण्डा भाग 2 कर 1659 में विभाग द्वारा इमारती लकड़ी सागौन वृक्षों की अबैध कटाई पश्चिम वनमंडल उत्पादन के लिए नासूर बन गया है ! इस काण्ड को रफादफा करने के लिए पूरे वन विभाग का अमला मुख्य वन-संरक्षक मधु व्ही राज के निर्देश पर सक्रीय हो गया है ..

पश्चिम वनमंडलाधिकारी उत्पादन अमित बंसल निकम इस पूरे प्रकरण में खलनायक की भूमिका में नजर आ रहे है ! इस अबैध लकड़ी कटाई कांड की परते प्याज की तरह एक-एक करके सामने आ रही है ! जिससे मानसिक रूप से विचलित वनमंडलाधिकारी उत्पादन श्री निकम ने अपने अधीनस्थ रेंजर श्रीमती अनामिका कनोजिया और डिप्टी रेंजर राजेश्वर कुशवाह को बचाने के लिए मैदानी छोटे कर्मचारियों पर मानसिक दबाब बनाने का काम शुरू कर दिया है और विभागीय कार्यवाही में खुद इस कांड के अपराधी स्वयं अपने गले के नाप का फंदा तैयार करते  नजर आ रहे है !

इस प्रकरण की शिकायत पर जाँच भी निकम्मे और धूर्त वरिष्ठ वनाधिकारी आरोपियों से ही करबा रहे है ? जो इस बात को सिद्ध करता है की इस पूरे प्रकरण में  मुख्य वन-संरक्षक मधु व्ही राज ,पश्चिम वनमंडलाधिकारी उत्पादन अमित बंसल निकम ,वनपरिक्षेत्र अधिकारी ( रेंजर )श्रीमती अनामिका कनोजिया और डिप्टी रेंजर राजेश्वर कुशवाह ने एक राय होकर सुनियोजित षडयंत्र के तहत इस पूरे काण्ड में महती भूमिका का निर्वाहन किया है ! शिकायत पर मौके पर पंचनामे में वनपरिक्षेत्र अधिकारी ( रेंजर )श्रीमती अनामिका कनोजिया और डिप्टी रेंजर राजेश्वर कुशवाह ने मामले को रफादफा करने की हडबडाहट में जो पंचनामा तैयार किया उसमे बतौर गवाह विभाग के ही वन क्षेत्रपाल के हस्ताक्षर करवा कर यह सिद्ध कर दिया की पूरी की पूरी दाल काली है !

विभागीय सूत्रों के मुताबिक इस पूरे प्रकरण में वन परिक्षेत्र अधिकारी उत्पादन श्रीमती अनामिका कनोजिया जो की गाहे-वगाहे ही फिल्ड पर जाती है ! पूरे दिन डिविजन में मैडम के दीदार होते है ! कारण यह बताया जाता है कि इनके पति भी वन विभाग में ऊँचे ओहदे पर पदस्थ है ! इसकी धाक से इन्हें फिल्ड पर जाने से मुक्ति मिल गई है ! इस तरह मुफ्त की तन्खाह पा रही मैडम का डिविजन में जलबा है ! मैडम ने बतौर हनुमान के तौर पर डिप्टी रेंजर राजेश्वर कुशवाह को पाल रखा है ! मैडम की जगह डिप्टी रेंजर रेंजर की भूमिका निभाते है ! संइयाँ भए कोतवाल तो डर कहे का ” रेंजर मैडम पर यह कहावत सौ फीसदी चरितार्थ होती है !

वन परिक्षेत्र सिल्लेवानी के खद‌बेली अबैध कटाई लकड़ी कांड में विभागीय सूत्रों के मुताबिक 87 पेडों की मार्किंग के अनुसार पेड़ काटे गए थे परन्तु काटे गाए पेड़ों में से लगभग 30 सागौन के पेड़ विभाग द्वारा लगाए गए लटठे में से चोरी हो गए ? अब ये अनुसन्धान का विषय है की “ चोरी हुए या चोरी करवा दीए गए “ इस बात की जानकारी लगने पर उत्पादन डिविजन में हडकंप मच गया ! आनन फानन में मामले की खानापूर्ति करने के लिए पश्चिम वनमंडलाधिकारी उत्पादन अमित बंसल निकम ने मैदानी छोटे कर्मचारी को कार्य में लापरवाही करने के अपराध में निलंबित कर दिया ! जबकि काटे गए पेड़ो के लटठे और चिटठे की चौकिदारी के लिए बकायदा चौकीदार का पैसा आहरण किया जा रहा है ! चौकीदार के नाम पर पैसा किसकी जेब में जा रहा है यह अलग बात है , इसकी भी जाँच हो तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा ! परन्तु सवाल उठता है की जाँच करेगा कौन ?

क्योकि मामला सामूहिक लूट और लूट के आपसी बंटबारे का जो है ! ऊपर से मैडम के संइयाँ कोतवाल …

जिम्मेदारी वन परिक्षेत्र अधिकारी उत्पादन श्रीमती अनामिका कनोजिया की थी ! विभागीय जांच की गाज गिरने के डर से रेंजर मेडम ने अपने हनुमान डिप्टी रेंजर श्री कुशवाह को इस मामले को रफादफा करने की जिम्मेदारी दी !लटठे में से चोरी गए 30 सागौन के पेड़ों की खोज विभाग का मैदानी आमला कर ही रहा था की अति उत्साह में रेंजर मेडम के हनुमान डिप्टी रेंजर ने मौका देख कटाई के लिए दक्षिण वनमंडल के कूप में से 20 से अधिक सागौन के पेड़ों की अबैध कटाई कर डाली ! ताकि इन्हें मिलाकर चोरी गए पेड़ों की गिनती 87 हो जाएगी और उसका सफलता पूर्वक परिवहन डिपो में कर दिया जाकर इस पूरे प्रकरण पर पर्दा डाल दिया जाता !

परन्तु कहा जाता है की पाप छुपाए नही छुपता इसी बीच वन विभाग के मैदानी अमले ने चोरी गए सागौन के 30 पेड़ों में से 20 पेड़ो को चोरो से बरामद कर लिया ! चोरों पर बकायदा आपराधिक प्रकरण दर्ज भी किया गया !  इस बात की खबर के साथ ही मैडम और हनुमान दोनों ही सकते में आ गए की उनके द्वारा काटे गए पेड़ों को  एड्जेष्ट करने के लिए 87 की गिनती पूरी करने के बाद कुछ बचे हुए पेड़ों को आग के हवाले कर दिया गया ! ताकि किसी को कोई शक न होने पाए और मामले को रफादफा कर ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी की छवि पर कोई दाग न लगने पाए !

पेड़ बोल और प्रतिकार भले ही न कर पते है परन्तु मैडम यह भूल गई है की हत्या की सजा भुगतनी जरुर पड़ती है फिर वह बेजुबान वृक्ष ही क्यों न हो  …. जारी